प्रदेश में ऑटो और ई-रिक्शा ड्राइवरों को 9 अप्रैल तक की मिली मोहलत, स्कूली बच्चों को ले जाने पर नहीं लगेगा जुर्माना

पटना। बिहार सरकार ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों को ले जाने पर फिलहाल प्रतिबंध हटा दिया है और चालकों को 9 अप्रैल 2025 तक की मोहलत दी है। इस अवधि में यदि बच्चे ऑटो या ई-रिक्शा से स्कूल जाते हैं, तो चालकों पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। यह फैसला प्रशासन और ऑटो यूनियन के बीच हुई बैठक में लिया गया है।
सड़क दुर्घटनाओं के बाद उठाया गया कदम
पिछले तीन वर्षों में हुई कई सड़क दुर्घटनाओं में स्कूली बच्चों की जान गई या वे गंभीर रूप से घायल हुए। इन्हीं घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है ताकि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके। परिवहन विभाग अब यह सुनिश्चित करेगा कि स्कूल वाहन सुरक्षित हों और सभी नियमों का पालन करें।
वैकल्पिक व्यवस्था के लिए समय
प्रशासन ने ऑटो और ई-रिक्शा चालकों को एक सप्ताह की मोहलत दी है ताकि वे अपने लिए वैकल्पिक रोजगार या नियमों के अनुसार परिवहन की व्यवस्था कर सकें। 9 अप्रैल के बाद यदि कोई चालक स्कूली बच्चों को गैर-पंजीकृत वाहन से ले जाता है, तो उस पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावकों को मिली छूट
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई अभिभावक अपने बच्चों को ऑटो या ई-रिक्शा में खुद साथ लेकर स्कूल ले जाते हैं, तो उस स्थिति में कोई कार्रवाई नहीं होगी। यह छूट बच्चों की तत्कालिक सुरक्षा को देखते हुए दी गई है।
स्कूलों की लापरवाही पर सवाल
सरकार के निर्देशों के बावजूद कई निजी स्कूल अब भी बच्चों को ऑटो और टोटो से भेजने की अनुमति दे रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई स्कूलों में अभी भी ऑटो से बच्चों को आते-जाते देखा गया है। इससे स्पष्ट होता है कि कुछ स्कूल प्रशासन सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं।
भविष्य के लिए सख्त कदम
1 अप्रैल 2025 से सरकार ने सभी स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित, पंजीकृत और लाइसेंस प्राप्त वाहनों का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। परिवहन विभाग ने इस दिशा में सख्त कदम उठाने की बात कही है। स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी। सरकार की इस पहल का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। मोहलत की अवधि के बाद नियमों का सख्ती से पालन करना सभी चालकों और स्कूलों के लिए आवश्यक होगा। माता-पिता, विद्यालय और चालक – सभी की जिम्मेदारी है कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।

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