पटना में पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद, भतीजे ने बुआ को मारपीट कर घर से भगाया, विवाद सुलझाने में जुटी पुलिस

पटना। जिले के मोकामा थाना क्षेत्र में पैतृक संपत्ति को लेकर एक पारिवारिक विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है। मेकरा गांव में एक भतीजे और उसकी बुआ के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर लंबे समय से तनाव चल रहा था, जो अब मारपीट तक पहुंच गया।
परिवार में संपत्ति विवाद की शुरुआत
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब दीपक के पिता बासो साव का निधन हो गया। उस समय दीपक महज पांच वर्ष का था। पिता की मृत्यु के बाद परिवार की देखरेख की जिम्मेदारी उसकी बुआ भीखो देवी ने संभाली। इसी दौरान, दीपक की मां ने अपने पति के बड़े भाई से दूसरी शादी कर ली, जिससे दीपक और उसका छोटा भाई अपने सौतेले पिता के घर रहने लगे। समय बीतने के साथ दीपक और उसके भाई ने अपने सौतेले पिता का घर छोड़ दिया और मेकरा गांव में रहने लगे। दीपक बिजली मिस्त्री का काम करके अपने छोटे भाई की पढ़ाई का खर्च उठाने लगा।
पैतृक संपत्ति पर कब्जे का आरोप
दीपक का आरोप है कि उसकी बुआ भीखो देवी ने धोखे से पूरी पैतृक संपत्ति अपने नाम करवा ली। उनका कहना है कि यह संपत्ति उनके दादा-परदादा की थी, लेकिन बुआ ने पैसे और प्रभाव के बल पर जमीन का रसीद अपने नाम करवा लिया। जब दीपक और उसका भाई अपनी जमीन का हक मांगने पहुंचे, तो बुआ ने उन्हें मारपीट कर घर से निकाल दिया।
गांव के लोगों और पुलिस की मध्यस्थता
गांव के बुजुर्गों और स्थानीय लोगों ने इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की। उन्होंने कई बार भीखो देवी को समझाने का प्रयास किया कि वह अपने भतीजों को उनका हक दे, लेकिन बुआ अपनी जिद पर अड़ी रही। मामला जब बढ़ने लगा तो मोकामा थाने की पुलिस भी बीच-बचाव के लिए आई और विवाद को सुलझाने का प्रयास किया।
भीखो देवी की सफाई
भीखो देवी का कहना है कि वह जमीन को अपने चार बेटों और दोनों भतीजों के बीच बराबर-बराबर बांटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मंशा किसी को बेघर करने की नहीं है, लेकिन दीपक और उसका भाई इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।
विवाद का भविष्य और प्रशासन की भूमिका
यह मामला अब कानूनी दायरे में जाता दिख रहा है। दीपक और उसका भाई न्याय की उम्मीद में प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। वहीं, गांव के अन्य लोग भी इस विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। पैतृक संपत्ति को लेकर पारिवारिक विवाद कोई नया मामला नहीं है, लेकिन इस तरह के झगड़े कई बार हिंसा और तनाव का रूप ले लेते हैं। इस मामले में पुलिस और स्थानीय प्रशासन को निष्पक्ष तरीके से समाधान निकालना होगा, ताकि परिवार के सभी सदस्यों को न्याय मिल सके और कोई भी व्यक्ति बेघर न हो।

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