दिल्ली में छात्रों की मौत को लेकर पटना में दिशा छात्र संगठन का प्रदर्शन, व्यवस्था पर सवाल

पटना। दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में छात्रों की मौत की घटना ने पटना के छात्रों में भी आक्रोश भर दिया है। मंगलवार को दिशा छात्र संगठन ने पटना के भिखना पहाड़ी इलाके में सरकार और एमसीडी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि यह केवल छात्रों की मौत नहीं है, बल्कि यह व्यवस्था जनित हत्या है। छात्रा वारुणी ने बताया कि दिल्ली में तीन छात्रों की मौत दिल्ली सरकार, एमसीडी और प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई है। यही स्थिति पटना के तमाम कोचिंग सेंटर में भी है, जहां घुटन भरे कमरों में सैकड़ों छात्र अपनी कक्षाएं अटेंड करते हैं। कई छात्र कोचिंग संस्थानों में बेहोश हो कर गिर जाते हैं। इस स्थिति पर सरकार को जवाबदेही लेनी चाहिए, लेकिन सरकार मौन है और कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसे कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई की जानी चाहिए और व्यवस्था में सुधार होना चाहिए। इस प्रदर्शन के बाद पटना डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने पटना के कोचिंग संस्थानों में सेफ्टी मानकों की जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए एक जांच दल का गठन किया गया है, जिसमें अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी, नगर कार्यपालक पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और थानेदार को शामिल किया गया है। यह जांच दल अपने-अपने संबंधित क्षेत्रों में कोचिंग संस्थानों की निबंधन की स्थिति, सुरक्षा मानकों के अनुपालन की स्थिति, बिल्डिंग बायलॉज, फायर एग्जिट की व्यवस्था, प्रवेश और निकासी द्वार की पर्याप्त व्यवस्था और आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए कोचिंग संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की जांच करेगा। यह कदम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है। दिशा छात्र संगठन ने स्पष्ट किया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे और पटना के गांधी मैदान में एक बड़ी रैली आयोजित करेंगे।
छात्रों की मुख्य मांगें
1. जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
2. राव आईएएस कोचिंग के निदेशक की गिरफ्तारी।
3. छात्रों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था।
4. पटना के सभी कोचिंग संस्थानों में सेफ्टी मानकों की जांच।
5. कोचिंग संस्थानों में केंद्र के गाइडलाइन के खिलाफ पढ़ाई की रोकथाम।
6. बिल्डिंग में अग्निसुरक्षा, बिल्डिंग कोड और उचित विद्युतीकरण की जांच।

 

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