वक्फ बिल लाकर मुस्लिम समाज के मजहबी मामलों में सीधा दखल देगी सरकार, हमलोग पुरजोर विरोध करेंगे: तारिक अनवर

पटना। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने इस विधेयक का कड़ा विरोध जताया है और इसे मुस्लिम समाज के धार्मिक मामलों में सीधा दखल देने की कोशिश बताया है। उनका कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के लिए चिंता का विषय बन गया है और कांग्रेस इसके खिलाफ संसद में पुरजोर विरोध करेगी।
मुस्लिम समाज की चिंताएं
तारिक अनवर ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मुस्लिम समुदाय से इस बारे में कोई सलाह-मशविरा नहीं किया, जबकि यह विधेयक सीधे तौर पर उनकी धार्मिक संपत्तियों और अधिकारों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस विधेयक पर मुस्लिम संगठनों, धार्मिक नेताओं और समुदाय के प्रतिनिधियों से राय लेनी चाहिए थी।
कांग्रेस का रुख और विरोध
कांग्रेस पहले से ही इस विधेयक का विरोध कर रही है। तारिक अनवर ने कहा कि उन्होंने इस विधेयक में कई संशोधन प्रस्तावित किए थे, लेकिन सरकार ने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया। उनका कहना है कि इस विधेयक को लेकर मुस्लिम समुदाय में गहरी नाराजगी है और केंद्र सरकार जबरदस्ती इसे थोपना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस विधेयक के खिलाफ हर संभव संसदीय रणनीति अपनाएगी ताकि इसे रोका जा सके।
केंद्र सरकार की दलील
सरकार का कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और उनके संरक्षण व प्रबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से लाया गया है। सरकार के मुताबिक, कई जगहों पर वक्फ संपत्तियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और यह विधेयक उनके सही प्रबंधन को सुनिश्चित करेगा। हालांकि, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि यह विधेयक सरकार को वक्फ संपत्तियों में दखल देने और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने का रास्ता देता है।
आरजेडी का विरोध और नीतीश कुमार पर निशाना
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भी इस विधेयक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक को संसद में पारित नहीं होने देगी। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ बताया और कहा कि केंद्र सरकार इसे जबरदस्ती लागू करना चाहती है। आरजेडी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यदि वे खुद को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं, तो उन्हें इस विधेयक का समर्थन नहीं करना चाहिए। मृत्युंजय तिवारी ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर नीतीश कुमार में हिम्मत है, तो वे इस विधेयक का खुलकर विरोध करें, अन्यथा यह स्पष्ट हो जाएगा कि वे बीजेपी के दबाव में काम कर रहे हैं।
एनडीए में मतभेद की चर्चा
इस बीच, बिहार में एनडीए गठबंधन के भीतर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आरजेडी ने दावा किया कि बीजेपी सिर्फ नीतीश कुमार के वोट बैंक को ध्यान में रखकर उन्हें साथ रखे हुए है, लेकिन चुनाव के बाद उनकी स्थिति महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जैसी हो सकती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को भी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया था, लेकिन बाद में उनकी स्थिति कमजोर हो गई। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस और आरजेडी जैसे विपक्षी दल इसे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप बता रहे हैं, जबकि सरकार इसे वक्फ संपत्तियों के संरक्षण का जरिया कह रही है। आने वाले दिनों में इस पर संसद में तीखी बहस देखने को मिल सकती है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विधेयक पर विभिन्न राजनीतिक दलों की क्या भूमिका रहती है।
