प्रदेश में अब सस्ता लोन दिलाने के नाम पर ठगी रहें साइबर अपराधी, QR कोड बना नया हथियार

पटना। राज्य में साइबर अपराध अब तेजी से बढ़ रहा हैं जिसके बाद यह बिहार पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। जहां एक ओर इससे बचाव के लिए आर्थिक अपराध इकाई के स्तर से व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चला रही हैं, वही अब हाल के दिनों में क्यूआर कोड स्कैन करने, सस्ती दरों पर लोन दिलाने और बिजली बिल बकाया के नाम पर ठगी के मामले आजकल सामने आने लगे हैं। बीते दिनों इनसे जुड़े करीब आधा दर्जन मामले अलग-अलग जिलों से इओयू के पास आ चुके हैं। बिजली बिल भुगतान से संबंधित ठगी करने के मामले को लेकर बिजली बोर्ड ने इओयू से मदद भी मांगी है और अपने कर्मियों को इससे जुड़ी ट्रेनिंग देने को भी कहा है। ईओयू ने इन चीजों को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
बिजली बिल के नाम पर भी हो रहें साइबर अपराध
जानकारी के अनुसार, सूबे में बिजली बिल को लेकर ठगी मामले में बिजली आपूर्ति बाधित करने की धमकी देने से संबंधित एसएमएस किसी के मोबाइल पर तेजी से भेजा जा रहा हैं। इस तरह के एसएमएस कई लोगों के मोबाइल पर आ रहे हैं। इसमें एक मोबाइल नंबर पर संपर्क करने के लिए कहा जाता है। इसके बाद अगर किसी ने इस तरह के संदेश के झांसे में आकर उस नंबर पर कॉल किया, तो उसके साथ साइबर ठगी हो जाती है। ऐसे मामलों में पहले अपने बिजली बिल को चेक कर लें और इस तरह के नंबर पर कॉल नहीं करें।
लोन देने का झांसा देकर ठगी, QR कोड स्कैन कर मांगे जा रहें पैसे
इसके साथ-साथ राजधानी पटना में सस्ते ब्याज पर लोन देने का झांसा देकर ठगी के कई मामले सामने आये हैं। जिसके बाद अगर ऐसा कोई भी अनजान मैसेज या लिंक आये तो आपको क्लिक पर क्लिक करने या ऐसे मैसेज का जवाब देने से बचना चाहिए। किसी एजेंसी का नाम लेकर इस तरह का संदेश आने पर पहले उससे कंफर्म करना चाहिए। अगर लोन स्वीकृत करने से संबंधित कोई मैसेज आता है, तो उस पर विश्वास नहीं करें। वही बिना किसी बैंक से संपर्क किये लोन से संबंधित किसी संदेश पर भरोसा नहीं करना चाहिए। वही इसके साथ साथ कई स्थानों पर क्यूआर कोड से स्कैन कर पैसे भेजने का चलन भी इन दिनों बढ़ गया है। इसके माध्यम से भी साइबर ठगी की जा रही है। जिसके बाद हमें इससे बचने के लिए किसी ऑनलाइन या किसी अपरिचित एप या अज्ञात क्यूआर कोड पर स्कैन नहीं करना चाहिए।

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