पटना में शिक्षक पर अपराधियों ने की फायरिंग, कार पर चलाई गोलियां, एक लोगों ने पकड़ा

पटना। बिहार की राजधानी पटना से सटे बाढ़ थाना क्षेत्र में एक और सनसनीखेज आपराधिक वारदात ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना न सिर्फ आम नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि शिक्षकों जैसे सम्मानित वर्ग को भी अपराधियों के निशाने पर दिखाती है। इस वारदात ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बिहार में अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हो चुके हैं।
घर लौटते समय शिक्षक पर हमला
घटना मंगलवार देर रात की है, जब बाढ़ थाना क्षेत्र के मिल्कीपर गांव के निवासी सहायक शिक्षक राकेश कुमार पटना से किसी निजी कार्यक्रम में शामिल होकर लौट रहे थे। जैसे ही वे अपने घर के पास पहुंचे, उन्होंने देखा कि करीब आठ से दस लोग संदिग्ध स्थिति में हथियारों के साथ खड़े हैं। कुछ ही पल में अपराधियों ने राकेश कुमार की कार को निशाना बनाते हुए गोलियां चलानी शुरू कर दी। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि राकेश कुमार को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला।
स्थानीय लोगों की तत्परता से एक अपराधी पकड़ा गया
गोलियों की आवाज सुनकर शिक्षक के परिवार के लोग और आसपास के ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। भीड़ को आता देख अपराधी कट्टा लहराते हुए वहां से भागने लगे। इस अफरा-तफरी में वे दो मोटरसाइकिल वहीं छोड़कर फरार हो गए। हालांकि, लोगों की सजगता और साहस के चलते एक आरोपी को पकड़ लिया गया। गुस्साई भीड़ ने आरोपी की जमकर पिटाई की और उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस को मिले अहम सुराग
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। घटनास्थल से पुलिस ने चार खोखा और दो मोटरसाइकिल बरामद की है, जो अपराधियों की थी। इसके अलावा घटनास्थल से शराब की कुछ बोतलें भी बरामद की गई हैं, जिससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि अपराधियों ने वारदात से पहले शराब का सेवन किया होगा। पुलिस अब इन सुरागों के आधार पर आगे की जांच में जुट गई है।
सीसीटीवी फुटेज से मिली जानकारी
जांच के दौरान पुलिस को आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज मिली, जिसमें साफ देखा गया कि संदिग्ध युवक रात 9 बजे से ही घर के आसपास चक्कर लगा रहे थे। इससे स्पष्ट होता है कि यह हमला पूर्व नियोजित था और अपराधियों ने राकेश कुमार को टारगेट बनाकर यह साजिश रची थी।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठते सवाल
यह घटना न केवल बाढ़ क्षेत्र बल्कि पूरे पटना जिले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। जहां एक ओर राज्य सरकार शिक्षकों की सुरक्षा और सम्मान की बात करती है, वहीं दूसरी ओर दिन-प्रतिदिन शिक्षकों को भी अपराधियों का शिकार बनाया जा रहा है। राकेश कुमार की जान बाल-बाल बच गई, लेकिन यह चिंता का विषय है कि आखिर अपराधी इतनी बेखौफी से कैसे गोलियां चला सकते हैं और फिर मौके से भाग निकलते हैं।
आवश्यक है सख्त कार्रवाई
स्थानीय लोगों और पुलिस की तत्परता से एक अपराधी की गिरफ्तारी हो चुकी है, परंतु बाकी हमलावर अब भी फरार हैं। जरूरत है कि पुलिस मामले की गंभीरता को समझते हुए जल्द से जल्द सभी आरोपियों को गिरफ्तार करे और उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, क्षेत्र में पुलिस गश्ती और निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। यह घटना केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि पूरे समाज में भय और असुरक्षा का माहौल बनाने वाली है। इससे निपटने के लिए प्रशासन को संवेदनशीलता और सक्रियता दोनों ही दिखानी होगी।
