कोर्ट से हाजिरी देकर घर जा रहे 50 वर्षीय अधेड की गोली मारकर हत्‍या, मसौढ़ी कोर्ट हाल्ट की घटना

पटना/मसौढी।स्‍थानीय व्‍यवहार न्‍यायालय से एक मामले में हाजिरी देकर घर लौटने के लिए गुरूवार को दोपहर मसौढी कोर्ट हॉल्‍ट पर ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे 50 वर्षीय एक अधेड को बदमाशों ने गोली मार दी। बाद में उसे लोगों ने उपचार के लिए अनुमंडलीय अस्‍पताल पहुंचाया। वहां चिकित्‍सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।बाद में मृतक के वकील ने उसकी पहचान वैशाली जिला के रामभद्र साई टोला निवासी दिवंगत साधुशरण सिंह के पुत्र ब्रह्मानंद सिंह के रूप में की। फिलहाल घटना के कारण का पता नहीं चल सका था। मिली जानकारी के मुताबिक स्‍थानीय भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्‍यायालय में ब्रह्मानंद सिंह ने 06/2019-20 के तहत मोटेशन अपील दाखिल कर रखी थी। न्‍यायालय में गुरूवार को तारीख थी। न्‍यायालय में अपनी हाजिरी लगाने के बाद वह हाजीपुर जाने के लिए मसौढी कोर्ट हॉल्‍ट पहुंचा और कोर्ट हॉल्‍ट स्थित टि‍कट घर परिसर में बैठकर ट्रेन की प्रतीक्षा करने लगा। प्रत्‍यक्षदर्शियों के मुताबिक इसी दौरान काले रंग की एक अपाची बाइक से दो युवक मसौढी कोर्ट हॉल्‍ट के पास पहुंचे और हॉल्‍ट के नीचे अपनी बाइक खडी कर टिकट घर परिसर पहुंचे व ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे ब्रह्मानंद सिंह के सिर में दो गोली मार फिर अपनी बाइक से उतर दिशा की ओर भाग निकलें।गोली से घायल छटपटा रहे ब्रह्मानंद सिंह को लोगों ने एक टेंपों में लाद पास स्थित अनुमंडलीय अस्‍पताल पहुंचाया। वहां चिकित्‍सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में मौके पर पहुंची जीआरपी ने घटना स्‍थल के पास से एक पोलिथीन व उसका एक मोबाइल बरामद किया है। जीआरपी ने शव को पोस्‍टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेज दिया। फिलहाल घटना के कारण का पता नहीं चल सका था। इस बाबत जब जीआरपी थानाध्‍यक्ष दुर्गेश कुमार शर्मा से संपर्क किया गया तो फिलहाल उन्‍होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया।

 

क्‍या है मामला

 

मिली जानकारी के मुताबिक ब्रह्मानंद सिंह के पिता दिवंगत साधुशरण सिंह मूल रूप से गौरीचक थाना के खैरा गांव के रहनेवाले थे। उन्‍होंने दो शादी कर रखी थी। पहली पत्‍नी से उन्‍हें दो पुत्र संजय कुमार व विजय कुमार हैं। साधुशरण सिंह की दूसरी पत्‍नी से तीन पुत्र ब्रह्मानंद सिंह, जितेंद्र कुमार व धर्मेंद्र कुमार हैं। बताया जाता है कि साधुशरण सिंह दूसरी शादी करने के बाद अपनी दूसरी पत्‍नी के साथ वैशाली जिला के रामभद्र साई टोला में रहने लगें और वहीं उन्‍हें उपर्रोंक्‍त तीनो पुत्र हुए। बाद में संपति को लेकर पहली पत्‍नी के पुत्रों व दूसरी पत्‍नी के पुत्रों के बीच विवाद हो गया और पटना उच्‍च न्‍यायालय तक विवाद पहुंचा। सूत्रों की मानें तो उच्‍च न्‍यायालय ने साधु शरण सिंह की पूरी संपति को उनके पांचों पुत्रों में समान रूप से बांट लेने का आदेश दिया था। लेकिन विवाद नहीं खत्‍म हो सका। नतीजतन 138 डिसमिल भूमि के मोटेशन का मामला डीसीएलआर के न्‍यायालय में पहुंचा। बताया जाता है कि इसी मामले की आज तारीख थी और एक पक्ष से ब्रह्मानंद सिंह व दूसरे पक्ष के उसके सौतेले भाई न्‍यायालय पहुंचे थे। ब्रह्मानंद के न्‍यायालय से लौटने के करीब एक घंटे पहले ही उसका सौतेला भाई भी न्‍यायालय से जा चुका था।

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