बिहार में तितलियों के संरक्षण के लिए बायोडायवर्सिटी बोर्ड का गठन, मारकर व्यापार करने वालों पर होगी कार्रवाई
पटना। बिहार में पहली बार तितलियों के मारने और उनका व्यापार करने वाले लोगों पर बिहार स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड के एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस एक्ट में अवैध व्यापारियों को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। इतना ही नहीं इस एक्ट के तहत वन्य प्राणी, डोमेस्टिक जानवर, पक्षी, तितलियां, पुराने वृक्षों का संरक्षण भी मिलेगा। इसके अलावा औषधीय पेड़ और छोटे-छोटे जीवों को संरक्षण में मदद मिलेगा। 2023 में पूरी तरह से कमेटी का गठन किया गया है। यह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अंदर में आता है। वही जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर गठित कमेटी के सदस्यों के द्वारा वहां के वन्य प्राणी के साथ-साथ डोमेस्टिक जानवर, पक्षी, तितलियां, विभिन्न छोटे-छोटे जीवों, औषधीय पौधे और पुराने वृक्ष को संरक्षण किया जाएगा। इसके लिए सूची तैयार की जाएगी। पहली बार ऑनलाइन के द्वारा पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर जैव विविधता संरक्षण और सुरक्षा के लिए कमेटी बनाई गई है। राज्य में करीब 50 हजार लोग अभी तक सदस्य बन चुके हैं। जैव विविधता संरक्षण के लिए पंचायत स्तर पर कार्य किया जाएगा। जिला वाइज लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी। 2 मार्च को रोहतास जिला से इसकी शुरुआत की जा रही है।
7 सदस्यीय कमेटी तैयार, ये होगा काम
जानकारी के अनुसार, बिहार स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड को धरातल पर उतारने के लिए बोर्ड के द्वारा 50 हजार से अधिक सदस्य बनाए गए हैं। बिहार पंचायती राज विभाग के द्वारा जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है। सात सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इसमें अध्यक्ष, सचिव और मेंबर शामिल हैं। अभी तक राज्य के 8500 पंचायत में बीएमसी का गठन हो चुका है। वहीं 22 जिला और 490 प्रखंडों में कमेटी का गठन हो चुका है। ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में प्रबंधन समितियों का गठन स्थानीय निकाय, पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद, नगर पालिका व नगर परिषद की बैठक में करना था।


