कटिहार के सरकारी स्कूल में 3 दिनों में मिले 40 से अधिक कोबरा, 16 जुलाई तक की गई छुट्टी

कटिहार। बिहार के कटिहार में सरकारी स्कूल से तीन दिनों के अंदर 40 से अधिक जहरीले सांप निकल आए। सांपों को देखकर शिक्षक और छात्र सहम गए। बड़ी मुश्किल से सभी सांपों का स्कूल के ही शिक्षक राजू कुमार ने रेस्क्यू किया। ये सभी जहरीले प्रजाति के सांप हैं। बारिश की वजह से सांपों स्कूल में घुस गए। लोगों को डर है कि सांप के बच्चे हैं तो बड़ा सांप भी आसपास ही होगा। हैरान कर देने वाला ये पूरा वाकया उत्क्रमित मध्य विद्यालय मनोहरी का है जहां गुरुवार को स्कूल खुलते ही क्लासरूम में सांप के बच्चे दिखाई दिए। शिक्षकों की नजर सांप पर पड़ी तो उन्होंने इसकी जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार को दो गई। उन्होंने तत्काल मीटिंग बुलाकर डीईओ वारसोई प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मुमताज अहमद को बुलाकर 16 जुलाई तक स्कूल को बंद रखने का निर्देश दिया। वीडियो में देखा जा सकता है कि शिक्षक राजू कुमार ने हौसला दिखाते हुए सांपों को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया। डंडे के सहारे क्लास से बाहर ले जाकर डब्बे में बंद किया। सभी सांप कोबरा प्रजाति के हैं। ये इतना जहरीला सांप है कि अगर एक बार काट ले तो तुरंत अस्पताल पहुंचे नहीं तो शरीर में इसका जहर फैलते देर नहीं लगती। शिक्षकों ने इसको देखते ही खतरे को भांप लिया था और बच्चों को स्कूल से बाहर कर दिया था। कोबरा सांप के बच्चे को बच्चा न समझें, ये बड़े सांप से भी जहरीला होता है, कारण ये है कि बड़े सांप जहर की मात्रा को सुश्चित करने की क्षमता रखते हैं। यानी कितने बड़े जीव को काट रहे हैं और उसे मारने के लिए कितने जहर की जरूरत है इसके बारे में विषग्रंथि से सबकुछ नियंत्रित होता है। लेकिन कोबरा सांप के बच्चे एक ही बार में ज्यादा विष इंजेक्ट कर देते हैं। इसलिए इनका काटा और भी ज्यादा खतरनाक है। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने ये सुनिश्चित किया कि सांप स्कूल में न निकलें इसके लिए पूरे स्कूल परिसर में कीटनाशक छिड़काव के साथ स्कूल के फर्श की दरारों को प्लास्टर कर भरने के निर्देश भी दिए ताकि सांप किसी भी सूरत में छिपने की जगह न मिले। सांपों को मारना किसी भी सूरत में ठीक नहीं है। अनट्रेंड रहते हुए कभी भी सांपों को खुद न पकड़ें। इसके लिए स्नेक कैचर की मदद लें। या वन विभाग को कॉल करें। स्कूल के हालात दूसरे थे। यहां स्कूल के बच्चों का सवाल था तो लिहाजा गुरुजी ने सांपों को बड़ी ही सावधानी से पकड़कर रेस्क्यू किया। लेकिन ऐसी गलती आप बिल्कुल भी न दोहराएं। कोबरा सांप पर्यावरण मित्र होते हैं और इन्हें वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 से संरक्षण मिला हुआ है। यानी इन्हें मारना या नुकसान पहुंचाने पर सजा का प्रावधान भी है। सांप काटे तो झाड़ फूंक में न उलझें। पास के अस्पताल लेकर जाएं। यह भी सुनिश्चित करें कि किस तरह के सांप ने काटा है। फिल्मी स्टाइल में सांप काटने वाली जगह से जहर को न चूसें। ये खतरनाक हो सकता है, इससे दोनों की जान आफत में पड़ सकती है। कैसा भी सांप काटे तो 1 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंच गए तो जान बचाना संभव होता है।

 

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