पटना में दो नए जगहों पर लगेंगे सीएनजी मदर स्टेशन, कार्य अंतिम चरण में, लोगों को मिलेंगे सुविधा

पटना। शहर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में सीएनजी और पीएनजी की मांग तेजी से बढ़ रही है। शहर के हजारों वाहन अब पारंपरिक ईंधनों के स्थान पर पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे सीएनजी और पीएनजी की खपत में काफी इजाफा हुआ है। इसी मांग को पूरा करने के लिए गेल (इंडिया) लिमिटेड ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी ने पटना में दो नए सीएनजी मदर स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई है, जिनमें से एक ट्रांसपोर्ट नगर में और दूसरा गर्दनीबाग में बनाया जा रहा है।
मदर स्टेशन की आवश्यकता और लाभ
वर्तमान में पटना और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों में कुल 34 सीएनजी पंप कार्यरत हैं, जिनके माध्यम से प्रतिदिन लगभग 1.25 लाख किलोग्राम सीएनजी की आपूर्ति हो रही है। इस आपूर्ति से लगभग 60,000 लोग लाभान्वित हो रहे हैं। हालांकि, ऑफलाइन पंपों पर टैंकरों की देरी और ट्रैफिक जाम के कारण गैस की उपलब्धता में व्यवधान उत्पन्न होता है। इससे कई बार पंप बंद हो जाते हैं या उपभोक्ताओं को लंबा इंतजार करना पड़ता है। नए मदर स्टेशनों के शुरू होने से इस समस्या का समाधान होने की उम्मीद है, क्योंकि वे प्रतिदिन 50,000 किलोग्राम अतिरिक्त गैस की आपूर्ति कर सकेंगे।
गर्दनीबाग मदर स्टेशन की स्थिति
गर्दनीबाग में बन रहा मदर स्टेशन लगभग अपने अंतिम चरण में है और इसके मार्च 2026 तक चालू हो जाने की संभावना जताई गई है। यह स्टेशन प्रतिदिन 15,000 किलोग्राम गैस की आपूर्ति करेगा। इस स्टेशन से चितकोहरा, अनिसाबाद, बेऊर, पुलिस कॉलोनी और आसपास के क्षेत्रों की लगभग 50,000 की आबादी को फायदा मिलेगा। इसके निर्माण के लिए भवन निर्माण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल चुका है, और अब जिला प्रशासन से अंतिम एनओसी प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही है।
ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन की प्रगति
दूसरा मदर स्टेशन ट्रांसपोर्ट नगर में बन रहा है, जो अक्टूबर 2025 तक चालू हो सकता है। इस स्टेशन की दैनिक आपूर्ति क्षमता 35,000 किलोग्राम होगी। इसके लिए गेल ने बीएसएनएल से 12 कट्ठा जमीन 10 वर्षों की लीज पर ली है, और इसके एवज में 2.50 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान भी कर दिया गया है। इस स्टेशन से बिहटा, मनेर, फुलवारीशरीफ और दानापुर जैसे क्षेत्रों को गैस की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
वर्तमान समस्या और समाधान की उम्मीद
पटना में बेली रोड और सगुना मोड़ जैसे स्थानों पर ऑनलाइन सीएनजी पंपों से पाइपलाइन के जरिये सीधे आपूर्ति होती है, लेकिन इन पंपों पर भीड़ अधिक होने से लंबी कतारें लग जाती हैं। दूसरी ओर, ऑफलाइन पंपों पर टैंकरों के देर से पहुंचने या जाम में फंसने से आपूर्ति बाधित होती है, जिससे 3 से 5 घंटे तक गैस की कमी की शिकायतें मिलती हैं। गेल के महाप्रबंधक ए.के. सिन्हा का कहना है कि नए मदर स्टेशनों के चालू होने से इन समस्याओं में काफी कमी आएगी, क्योंकि ऑफलाइन पंपों को समय पर गैस मिल सकेगी।
भविष्य की योजनाएं
गेल की योजना के अनुसार मार्च 2025 तक पटना के रुकनपुरा, बख्तियारपुर और पंडारक में तीन नए पंप शुरू किए जाएंगे। इससे न केवल आपूर्ति प्रणाली और सुदृढ़ होगी, बल्कि लोगों को सुगम, समयबद्ध और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा विकल्प प्राप्त होंगे। इस तरह, पटना में दो नए सीएनजी मदर स्टेशनों की स्थापना से शहर में ऊर्जा आपूर्ति व्यवस्था में बड़ा सुधार आने वाला है। इससे आम लोगों को सहूलियत मिलेगी और प्रदूषण भी नियंत्रित होगा।

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