CM नीतीश के पढ़े-लिखे व्यक्ति होने के बाद, शिक्षा में अब तक कोई बदलाव ना होना यह उनके कार्यकाल का एक काला अध्याय : पीके

पटना। जाने माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों मुखर होकर बिहार सरकार पर हमला कर रहे हैं। वही उनके निशाने पर कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और केंद्र की सरकार है। फिलहाल नीतीश कुमार के 10 लाख नौकरी वाली बात पर बोलते हुए पीके ने कहा कि बिहार में नई सरकार को बने 4 महीने हो गए। अब तक 10 हजार लोगों को नौकरी मिली है। वही उन्होंने कहा की अगले 8 महीने में 9 लाख 90 हज़ार नौकरियां कहां से देंगे। उसे आप भी देख रहे हैं। मैं भी देख रहा हूं।
सलाहकार की बातों पर चल रहे हैं तेजस्वी : पीके
वही पीके ने तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को इस बात का आइडिया भी नहीं है कि इतनी नौकरियां कहां से लेकर आएंगे? किसी सलाहकार ने लिख दिया। इसके बाद उसी बात को दोहरा रहे हैं। तेजस्वी को जानकारी नहीं होगी कि 10 लाख नौकरी देने की प्रक्रिया क्या है? उसके लिए बजट के प्रावधान क्या होंगे? इसे किया कैसे जाएगा? बस जनता को बरगलाने के लिए कुछ भी बोल देतें हैं ताकि उन्हें वोट मिलता रहे।
शिक्षा व्यवस्था पर भी हमला
वही बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर हमला बोलते हुए पीके ने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाना। यह केवल शिक्षकों की जिम्मेदारी नहीं है। यह बड़े स्तर पर प्रशासक और शासकों की शिक्षा को लेकर कोई सोच ना होने का परिणाम है। CM नीतीश के एक पढ़े-लिखे व्यक्ति होने के बाद भी शिक्षा में अब तक कोई बदलाव ना आना यह उनके कार्यकाल का एक काला अध्याय है। वही प्रशांत किशोर ने शिक्षकों के वेतन के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि RJD जिसने 15 साल बिहार में शासन किया और बिहार को गर्त में लेकर चले गए। वो विकास की बात कर रहे हैं, उसको मैं गम्भीरता से कैसे ले सकता हूं। नीतीश कुमार ने झूठा वादा किया कि वो 10 लाख लोगों को नौकरी देंगे। वही मौजूदा शिक्षकों की सैलरी रोक देगी बिहार सरकार, अगर केंद्र ने पैसा देना बंद कर दिया। सांख्यिकी वाले सवा लाख लड़के, उनको हटा दिया गया है, टेक्नोलॉजी वाले लड़के को हटा दिया गया है और ना जाने कितने हटाए गए हैं। ऐसे में मैं उन पर कैसे यकीन कर लूं।

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