कल दिल्ली दौरे पर जाएंगे सीएम नीतीश, 25 को एनडीए मुख्यमंत्रियों की बैठक, पीएम से होगी मुलाकात

नई दिल्ली/पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 24 मई को दिल्ली रवाना होंगे। यह दौरा एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की 25 मई को होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक के संदर्भ में हो रहा है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं की समीक्षा और एनडीए राज्यों में उनके क्रियान्वयन की स्थिति को समझना है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस यात्रा को लेकर कई संभावनाएं और चर्चाएं भी चल रही हैं।
केंद्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया जैसे प्रमुख कार्यक्रमों की प्रगति पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी। केंद्र सरकार इन योजनाओं के ज़रिए जमीनी स्तर पर विकास को गति देने का दावा करती रही है और इस बैठक में मुख्यमंत्रियों से इन योजनाओं के वास्तविक प्रभाव और क्रियान्वयन की स्थिति पर फीडबैक लिया जाएगा। नीतीश कुमार बिहार में इन योजनाओं के लागू होने के अनुभवों और आंकड़ों को साझा कर सकते हैं। बिहार जैसे बड़े और विकासशील राज्य के लिए इन योजनाओं का प्रभाव काफी अहम होता है, इसलिए मुख्यमंत्री की भूमिका इस बैठक में महत्वपूर्ण रहने वाली है।
राजनीतिक रणनीति पर हो सकती है चर्चा
हालांकि यह बैठक प्रशासनिक समीक्षा के उद्देश्य से हो रही है, लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी कम नहीं हैं। 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, और यह संभावना जताई जा रही है कि बैठक के दौरान राजनीतिक रणनीति, सीट बंटवारा, विपक्षी दलों की चुनौती और सामाजिक समीकरणों पर भी विचार-विमर्श हो सकता है। एनडीए के घटक दलों के बीच तालमेल और भविष्य की रणनीति को लेकर भी यह बैठक एक मंच बन सकती है। बिहार में भाजपा और जेडीयू के बीच सीटों के बंटवारे और संयुक्त चुनाव अभियान की तैयारी पर भी कुछ रूपरेखा बन सकती है।
प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं से मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली प्रवास के दौरान नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अलग से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी उनकी बैठक की संभावना है। इन मुलाकातों को महज शिष्टाचार नहीं माना जा रहा, बल्कि इन्हें 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन को और मजबूत करने की रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक अटकलें और संभावनाएं
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी जोरों पर है कि क्या नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा केवल योजनाओं की समीक्षा के लिए है या इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक संदेश भी छिपा हुआ है। नीतीश कुमार, जो कई बार राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं, क्या अब भाजपा के साथ अपने संबंधों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं? यह भी देखा जा रहा है कि क्या जेडीयू और भाजपा के बीच कोई नई राजनीतिक समझ बन रही है, खासकर तब जब विपक्ष भी बिहार में अपना गठबंधन मजबूत करने में जुटा है। नीतीश कुमार का यह दिल्ली दौरा केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है। जहां एक ओर यह दौरा केंद्र और राज्य के बीच समन्वय और विकास कार्यों की समीक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, वहीं दूसरी ओर 2025 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह यात्रा एनडीए गठबंधन के भविष्य की दिशा तय करने में भी निर्णायक भूमिका निभा सकती है। आने वाले दिनों में इस दौरे के नतीजे राजनीति में कई नए संकेत और समीकरण पैदा कर सकते हैं।

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