CM नीतीश बोले, हम ऐसे लोगों की बातों का नहीं लेते नोटिस, तेल पर टैक्स कम करने पर करेंगे बात, फोन टैपिंग अच्छी बात नहीं

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को दूसरे सप्ताह मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 106 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
ऐसे लोगों की बातों का नोटिस नहीं लेते
जनता दरबार कार्यक्रम के पश्चात सीएम नीतीश ने पत्रकारों से बातचीत की। जनसंख्या नीति को लेकर शिवसेना नेता की बिहार में भाजपा से बिहार सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग को लेकर पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ऐसे लोगों की बातों का नोटिस नहीं लेते हैं। स्व. सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले को जब हमलोगों ने सीबीआई को दिया था, उस समय भी ये लोग ऐसी ही बात करते थे। ऐसे लोगों की बात पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली बार जनसंख्या नीति पर पत्रकारों के सवाल पर जवाब देते हुए हमने कहा था कि इसको लेकर क्या करना चाहिए जो सबसे इफेक्टिव होगा। कौन राज्य इसको लेकर क्या करेगा, इस पर हमको कुछ नहीं कहना है। पिछली बार भी हमने बताया था कि महिलाओं को पढ़ाने से जनसंख्या पर कंट्रोल करने में सहूलियत होती है। पूरे देश और बिहार के सर्वे में ये बात सामने आयी थी। उन्होंने कहा कि अगर महिला शिक्षित होगी तो प्रजनन दर घटेगा, यही हमारी फीलिंग है। हमलोग बिना वजह किसी पर बोलते नहीं हैं। सबको अपना-अपना विचार व्यक्त करने का अधिकार है।
फोन टैपिंग अच्छी बात नहीं
पत्रकारों, मंत्रियों के फोन टैपिंग के संबंध में पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सब अच्छी बात नहीं है। मेरे हिसाब से किसी को इस तरह से डिस्टर्ब करना अच्छी बात नहीं है, ये बिल्कुल बेकार बात है। फोन टैपिंग को लेकर पार्लियामेंट में हो रहे हंगामे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो शुरू से ही कह रहे हैं कि ये जो नई टेक्नोलॉजी आई है, इसके नफे नुकसान पर भी गौर करना चाहिये। ये जो करोना आया है इसमें एक के बाद दूसरा, दूसरे के बाद तीसरे की संभावना, ऐसा क्यों हो रहा है? टेक्नोलॉजी का लाभ लोगों को मिलता है लेकिन उसका लोग दुरुपयोग भी करते हैं। सोशल मीडिया का कितना इम्पैक्ट है लेकिन उस सोशल मीडिया पर कोई अच्छी बात करता है तो बहुत लोग निगेटिव बात करते हैं। एंटी सोशल काम करते हैं। इसके लिये क्या किया जा सकता है ?
तेल पर टैक्स कम करने पर करेंगे बात
तेल की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिये टैक्स कम करने के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हमने इस पर गौर नहीं किया है, रेट तो बढ़ रहा है लेकिन आपलोग जो सुझाव दे रहे हैं तो इस पर परामर्श किया जा सकता है। आपस में पहले हमलोग बात करेंगे, उसके बाद उसका क्या रास्ता है, किस तरह से लोगों को राहत मिल सकती है, उस पर गौर करेंगे। एनआरसी से संबंधित सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बारे में आप अच्छी तरह से जानते हैं, बिहार में इसकी कोई समस्या ही नहीं है।
कुछ इलाकों में नई कृषि नीति को लेकर विरोध
दिल्ली बर्डर पर लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये कुछ राज्यों की बात है। कुछ इलाकों में नई कृषि नीति को लेकर विरोध है। इसको लेकर आपस में कई बार बातचीत भी हुई है। कोरोना के दौर में निरंतर आंदोलन करना ठीक नहीं है। कोरोना के पहली और दूसरी लहर को झेलने के बाद अब तीसरी लहर की संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे में हमें सचेत रहने की जरुरत है। हर किसी को अपनी बात को रखने का अधिकार है। केंद्र सरकार ने कई बार बातचीत की है। आगे भी बातचीत कर लें। ये समस्या कुछ इलाकों की है। केंद्र सरकार की कृषि नीति किसी के खिलाफ नहीं है लेकिन कई इलाकों के लोगों के मन में इसको लेकर अलग-अलग भावना है तो फिर से बातचीत कर इसका समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि के क्षेत्र में काफी काम किया गया है। यहां किसानों से प्रोक्योरमेंट काफी ज्यादा किया जा रहा है। सभी लोगों को आजाद कर दिया गया है कि कोई भी अपना उत्पादन जहां चाहें, वहां बेचें। सबको पता है कि हमलोग कितनी तेजी से प्रोक्योरमेंट कराते हैं और लोगों को इसका लाभ मिलता है। यहां हर चीज पर नजर रखी जाती है।

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