बिहार में आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए CM नीतीश ने तैयार किया मास्टर प्लान, जानिए पूरा मामला

पटना। बिहार में इन दिनों लगातार बढ़ रहे अपराध से बिहार सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। इसी बीच अपने सुशासन और कानून व्यवस्था के लिए बिहार में पहचाने जाने वाले सीएम नीतीश बिहार की आंतरिक सुरक्षा को लेकर अब एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं। बिहार सरकार ने बिहार की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को पहले की तुलना में दुरुस्त बनाए रखने के लिए एक नया मास्टर प्लान तैयार किया है जिसके बाद बिहार की व्यवस्था पहले की तुलना में और भी अधिक बेहतर हो जाएगी। इसके लिए बिहार सरकार एक स्पेशल डेटाबेस बनाने की तैयारी में है।

जानिए क्या है बिहार सरकार का आंतरिक सुरक्षा को लेकर मास्टर प्लान
जानकारी के मुताबिक बिहार की आंतरिक सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए बिहार सरकार के द्वारा जल्द ही एक इंटरनल सिक्योरिटी सिस्टम डेटाबेस बनाया जा रहा है। इसके लिए गृह विभाग ने आईएसएस डेटाबेस बनाने के लिए सोमवार को सभी जिलों से 26 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। सभी 38 जिलों से मिली रिपोर्ट के आधार पर सूबे का आईएसएस डेटाबेस तैयार किया जाएगा। गृह विभाग ने इसके लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किये हैं। निर्देश के तहत जिला प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य सहित तमाम विभागों को अपनी अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके साथ-साथ राज्य के सभी विभागों से रिपोर्ट मांगी जा चुकी है।
आंतरिक सुरक्षा डेटाबेस के लिए दिया गया 15 दिनों का समय
बताया जा रहा है कि आंतरिक सुरक्षा के मद्देनजर रिपोर्ट का दायरा इस बार 26 बिंदुओं तक बढ़ाया गया है। गृह विभाग ने जिलों को इस रिपोर्ट के लिए 15 दिनों का समय दिया है। इसके बाद यह रिपोर्ट संबंधित मंत्रालयों में भेज दी जाएगी। इसके साथ साथ डेटाबेस में रिपोर्ट बनाने के लिए 26 बिंदुओं को आधार माना जाएगा। इसमें राज्य के वैसे जिले जो संवेदनशील हैं। जहां पहले कोई बड़ी घटना हो चुकी है या जो इस दृष्टिकोण से संवेदनशील है। इसके अलावा जिले के सभी बड़े संस्थान, प्रतिष्ठान, कार्यालय आदि की विवरणी लिया जाएगा। इसके साथ-साथ इस रिपोर्ट में सोशल मीडिया पर विशेष ध्यान रखा गया है। सोशल मीडिया पर गलत खबरें तथा भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर भी सरकार की कड़ी नजर रहेगी।
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे इस खास प्रकार के डेटाबेस में सूबे के जेलों में बंद सभी प्रमुख लोगों व कुख्यातों के रिकार्ड भी डेटा बेस में दर्ज रहेंगे। इसके अलावा उन स्थलों की भी सूची बनाकर भेजी जानी है, जिसे दुश्मन देश निशाना बना सकते हैं। वहीं राज्य के उन व्यक्ति, संस्थान व संगठन का भी डेटा बनेगा, जिनकी मदद किसी इमरजेंसी के समय ली जा सकती हो। राज्य के सभी स्कूल, अस्पताल, सरकारी भवन, अग्निशमन कार्यालय, थाने आदि की रिपोर्ट मे शामिल किया जाएगा।