पटना में धर्मपत्नी की पुण्यतिथि पर सीएम नीतीश ने दी श्रद्धांजलि, पुत्र के साथ पहुंचे पैतृक गांव, प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी दिवंगत पत्नी स्वर्गीय मंजू कुमारी सिन्हा की 18वीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर वे पहले पटना के कंकड़बाग स्थित मंजू कुमारी सिन्हा स्मृति पार्क पहुंचे, जहां उन्होंने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री अपने पुत्र निशांत के साथ अपने पैतृक गांव कल्याण बिगहा, हरनौत पहुंचे। यहां भी उन्होंने अपनी पत्नी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
परिवारजनों की स्मृति में भी अर्पित की श्रद्धांजलि
कल्याण बिगहा स्थित कविराज रामलखन सिंह स्मृति वाटिका में मुख्यमंत्री ने अपनी माता परमेश्वरी देवी और पिता कविराज रामलखन सिंह की प्रतिमाओं पर भी पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने पारिवारिक स्मृतियों को भी आत्मसात किया और ग्रामीणों से संवाद भी किया।
दहेज मुक्त विवाह की मिसाल रहे नीतीश-मंजू का रिश्ता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंजू सिन्हा का विवाह 22 फरवरी 1973 को हुआ था। उनका विवाह सामाजिक सुधार का एक प्रेरणादायक उदाहरण माना जाता है। नीतीश कुमार ने दहेज प्रथा के खिलाफ मुखर होकर खड़े होते हुए यह विवाह पूरी तरह दहेजमुक्त रखा। उनके पिता द्वारा तय किए गए 22 हजार रुपये दहेज को नीतीश ने नकारते हुए केवल माला पहनाकर विवाह का प्रस्ताव रखा। शुरू में यह प्रस्ताव मंजू के परिवार के लिए असहज था, लेकिन नीतीश के विचारों और व्यक्तित्व को देखते हुए उन्होंने यह स्वीकार कर लिया।
विवाह निमंत्रण में भी दिया गया संदेश
इस विवाह की विशेषता यह भी रही कि इसके निमंत्रण पत्र में स्पष्ट रूप से यह लिखा गया था कि विवाह तिलक, दहेज और शोषण जैसी कुप्रथाओं से मुक्त होगा। साथ ही यह भी आग्रह किया गया था कि मेहमान सिर्फ पुष्प माला और आशीर्वाद के अतिरिक्त कुछ भी न दें। यह कदम सामाजिक बदलाव की दिशा में एक साहसिक पहल थी, जो आज भी उदाहरण के रूप में याद की जाती है।
मंजू सिन्हा का जीवन और योगदान
मंजू सिन्हा का व्यक्तित्व भी सरलता, सादगी और सामाजिक चेतना से भरा हुआ था। वे एक शिक्षिका थीं और परिवार तथा समाज के बीच संतुलन बनाकर चलती थीं। उन्होंने नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन में भी एक मजबूत नैतिक आधार प्रदान किया। उनकी मृत्यु 2007 में हुई थी, लेकिन नीतीश कुमार हर वर्ष उनकी पुण्यतिथि को बेहद भावनात्मक रूप से मनाते हैं।
सादगी और मूल्य आधारित जीवन की प्रेरणा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह सार्वजनिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम न केवल पारिवारिक स्मृति का विषय होता है, बल्कि यह आज के युवाओं और समाज के लिए भी यह संदेश देता है कि जीवन में सादगी, मूल्य और सामाजिक चेतना का कितना महत्व है। इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम ने एक बार फिर नीतीश कुमार के पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक सुधार की प्रतिबद्धता को सामने लाया है। उनका यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।
