CM नीतीश 2005 के कार्यकाल को दोहराने में जुटे, मिली थी सुशासन बाबू की उपाधि, मांद में छिपने को मजबूर हो गए थे अपराधी

पटना (संतोष कुमार)। किसी भी राज्य के लिए कानून व विधि व्यवस्था बनाए रखना पहली प्राथमिकता है। अगर सरकार की लॉ एंड आर्डर पर पकड़ ढीली पड़ जाती है तो विकास के दावे बेमानी प्रतीत होती है। यहीं कारण है कि बिहार की बिगड़ी कानून व्यवस्था को पुन: पटरी लाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2005 के अपने कार्यकाल को दोहराने में जी-जान से जुट गए हैं। नीतीश कुमार का यही वह कार्यकाल था, जब उन्हें सुशासन बाबू के नाम से अलंकृत किया गया था। नीतीश ने लॉ एंड आर्डर पर पकड़ मजबूती से कस रखी थी। यही वजह रही कि उस दौरान कई बड़े अपराधियों ने बिहार से भाग कर अपनी जान बचाई, कईयों ने अपनी राह बदल ली तो वहीं कई ऐसे खूंखार अपराधी थे जो मांद में छुपने में अपनी भलाई समझी। इसे लेकर बिहार की जनता ने उनके इस कार्य को खूब सराहा। लेकिन हाल के वर्षों में जिस तरह अपराधियों के पंख निकल आए हैं, गोली चलाने में कतई नहीं चूक रहे। इससे बिहारवासियों में एक बार फिर दहशत का माहौल कायम हो गया है। अपराधियों के बुलंद हौसले की वजह से नीतीश कुमार के सुशासन पर बट्टा लगता नजर आ रहा है। यहीं कारण है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से वर्ष 2005 के रंग में आ गए हैं। ताबड़तोड़ समीक्षा बैठक कर आलाधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।
शनिवार को एक बार फिर बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश ने समीक्षा बैठक की। बैठक सीएम आवास स्थित नेक संवाद में हुई। बता दें सीएम नीतीश ने पिछले कुछ दिनों में बिहार की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर तीसरी बार बैठ की और अधिकारियों को सख्त हिदायत भी दी।
समीक्षा बैठक में सीएम नीतीश ने पुलिस के आलाधिकारियों को क्राइम कंट्रोल के लिए पूरी मजबूती से काम करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सख्ती के साथ कहा है कि विधि-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की पहली जिम्मेवारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध नियंत्रण, कानून व्यवस्था के सख्त होने से राज्य में हो रहे विकास कार्यों का वास्तविक लाभ लोगों को मिलेगा।
सीएम नीतीश ने दिए यह निर्देश
बैठक में सीएम नीतीश ने कई निर्देश दिए हैं, जिसमें मुख्य रूप से रात्रि गश्ती के साथ-साथ नियमित गश्ती भी अनिवार्य रुप से करने, शराबबंदी का सख्ती से पालन, धंधेबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, ओवरलोडिंग और ट्रैफिक जाम को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने, महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष नजर रखने, उनके खिलाफ हो रहे अपराध में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने, भूमि विवाद के समाधान के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को नियमित रुप से बैठक करने, सभी के सहयोग से बिहार को विकसित राज्य बनाने आदि।

You may have missed