दरभंगा एम्स के निर्माण पर मंडराया संकट के बादल, सुशील मोदी ने CM नीतीश को ठहराया दोषी

पटना। बिहार के दरभंगा जिलें में एम्स निर्माण पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे है। बता दे की नीतीश सरकार द्वारा दी गई शोभन बाईपास वाली 150 एकड़ जमीन को मोदी सरकार ने रिजेक्ट कर दिया है। वहीं इसको लेकर बिहार में एक बार फिर सियासत गरमाया गई है। बिहार सरकार केंद्र पर निशाना साध रही तो वहीं BJP नेता इसके लिए CM नीतीश को दोषी ठहरा रहे हैं। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नीतीश के अहंकार व महागठबंधन सरकार में राजद-जदयू के बीच खींचतान के चलते उत्तर बिहार के लाखों लोग 2000 करोड़ रुपये से बनने वाले दरभंगा एम्स के रूप में केंद्र सरकार की बड़ी सौगात पाने से वंचित रह गए। आगे उन्होंने कहा की दरभंगा में एम्स बनाने का श्रेय पीएम मोदी को नहीं मिले, इसलिए पहले 2 वर्षीं तक तो मुख्यमंत्री इस बात अड़े रहे कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को ही अपग्रेड कर एम्स बना दिया जाए। आगे उन्होंने कहा कि किसी मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड कर एम्स बनाने का नियम नहीं है, इसलिए अन्तत: बिहार सरकार दरभंगा एम्स के लिए DMCH परिसर में ही 150 एकड़ जमीन देने पर राजी हो गई। 82 एकड़ जमीन आवंटित भी कर दी गई थी।

वही इस बीच CM नीतीश ने प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के कारण जैसे ही RJD से हाथ मिलाया और सरकार बदल दी, वैसे ही दरभंगा एम्स सहित कई विकास परियोजनाओं पर ग्रहण लग गया। मोदी ने कहा कि बदली सरकार में RJD और JDU के बीच दरभंगा एम्स का श्रेय लेने की होड़ मच गई। लालू प्रसाद के करीबी भोला यादव ने जब किसी संवैधानिक पद पर रहे बिना अशोक पेपर मिल की जमीन पर एम्स बनने की घोषणा कर दी, तब इसके जवाब में JDU के लोग शोभन में एम्स बनवाने के लिए सक्रिय हुए। नीतीश कुमार के इशारे पर मधेपुरा के दिनेशचंद्र यादव सहित 2 दर्जन JDU सांसदों ने केंद्र सरकार को ज्ञापन देकर दरभंगा के बजाय सहरसा में एम्स बनवाने की मांग कर दी। आगे मोदी ने कहा कि बाद में JDU के दबाव में बिहार सरकार ने शोभन में जो 151 भूमि आवंटित की वह एम्स का भवन बनाने के लिए उपयुक्त नहीं पायी गई। शोभन की 20-30 फीट गड्ढे और जल-जमाव वाली जमीन का निरीक्षण करने बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने इसे अस्वीकार कर दिया और कोई दूसरी भूमि आवंटित करने का आग्रह किया। वह इस तरह नीतीश कुमार ने दरभंगा एम्स की योजना को गहरे गड्ढे में धकेल दिया। ऐसी राजनीति बिहार की जनता के प्रति जानबूझ किया गया अन्याय है।