पटना में राज्य महिला आयोग के वर्षगांठ कार्यक्रम का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन, ऑनलाइन आवेदन के पोर्टल को किया लॉन्च
पटना। शुक्रवार का दिन महिलाओं के अधिकार और सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुआ। बिहार राज्य महिला आयोग ने अपना 24वां वर्षगांठ समारोह बड़े ही गरिमामय ढंग से मनाया। इस अवसर पर राज्य सरकार की ओर से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। उनके साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी कार्यक्रम में शामिल हुए। यह आयोजन न केवल एक औपचारिक समारोह था बल्कि इसमें महिलाओं की सुविधा और अधिकारों को और मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम भी उठाए गए।
ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत
इस समारोह में सबसे महत्वपूर्ण कदम था ऑनलाइन आवेदन के पोर्टल का शुभारंभ। मुख्यमंत्री ने इस पोर्टल का उद्घाटन करते हुए कहा कि अब महिलाएं अपनी समस्याओं और शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगी। पहले महिलाओं को दूर-दराज के इलाकों से पटना तक आकर अपनी शिकायत दर्ज करनी पड़ती थी, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती थी। अब इस नई व्यवस्था से महिलाएं घर बैठे ही अपनी समस्या आयोग तक पहुँचा सकेंगी।
आयोग की अध्यक्ष का वक्तव्य
बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा ने कहा कि इस पोर्टल की शुरुआत महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखकर की गई है। उन्होंने बताया कि जब कोई महिला शिकायत दर्ज करेगी, तो उसे अपने नाम और पते के साथ-साथ केस का प्रकार भी बताना होगा। इससे आयोग को मामले को सही तरीके से समझने और त्वरित कार्रवाई करने में आसानी होगी। अप्सरा मिश्रा ने यह भी कहा कि आयोग का प्रयास है कि शिकायत न केवल दर्ज हो, बल्कि उसका समाधान भी समय पर किया जाए।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सहभागिता
कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। उनकी मौजूदगी ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि महिलाओं की समस्याओं को सुनना और उनका समाधान करना सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत निश्चित रूप से इस दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
पूर्व अध्यक्षों और जनप्रतिनिधियों का सम्मान
इस कार्यक्रम में एक और विशेष पहल की गई। अब तक बिहार राज्य महिला आयोग की जितनी भी अध्यक्ष रही हैं, उन्हें इस समारोह में आमंत्रित किया गया। यह कदम उनके योगदान को सम्मान देने और नई पीढ़ी को प्रेरणा देने के उद्देश्य से उठाया गया था। इसके साथ ही जितनी भी महिला सांसद और विधायक हैं, उन्हें भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया। इससे साफ है कि आयोग अपने कार्यों को व्यापक स्तर पर ले जाना चाहता है।
जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
कार्यक्रम के दौरान केवल तकनीकी सुविधा की ही शुरुआत नहीं हुई, बल्कि एक जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इसमें महिलाओं को उनके अधिकारों, कानूनी प्रक्रियाओं और आयोग द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई। जागरूकता फैलाना आयोग का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है, क्योंकि जब तक महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर सजग नहीं होंगी, तब तक कोई भी पहल पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सकती।
मुख्यमंत्री का संबोधन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर लगातार गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि महिला आयोग को और सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत महिलाओं को राहत पहुँचाने में मददगार साबित होगी। बिहार राज्य महिला आयोग का 24वां वर्षगांठ समारोह केवल एक जश्न नहीं था, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को और अधिक मजबूत बनाने का प्रयास भी था। ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत से निश्चित रूप से महिलाओं को बड़ा लाभ मिलेगा और उनकी समस्याओं का समाधान अधिक सरल और त्वरित ढंग से हो सकेगा। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर महिलाओं की भागीदारी और उनकी समस्याओं को केंद्र में रखकर यह आयोजन एक सकारात्मक संदेश देता है। आने वाले समय में यह पहल न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मिसाल बन सकती है।


