9 अप्रैल से शुरू होगा चैत्र नवरात्र, रेवती नक्षत्र में घोड़े पर सवार होकर आएगी माता

पटना। चैत्र नवरात्र की शुरुआत 9 अप्रैल से होगी। मंदिरों और घरों में कलश स्थापना के साथ ही पूजा की शुरुआत होगी। इस साल नवरात्र रेवती नक्षत्र और सर्वार्थ अमृत सिद्धि के सुयोग में आरंभ हो रही है। 18 अप्रैल को विजयादशमी होगी। इस नवरात्र में सर्वार्थ अमृत सिद्धि, सिद्धयोग, रवियोग, प्रीति, आयुष्मान योग और पुष्य नक्षत्र का सुयोग बन रहा है। चैत्र नवरात्र का पहला दिन मंगलवार होने से देवी दुर्गा का आगमन अश्व यानी घोड़ा पर होगा। घोड़े पर भगवती के आगमन से समाज में अस्थिरता, तनाव, राजनीति उथल-पुथल, चक्रवात, भूकंप की स्थिति उत्पन्न होती है। 17 अप्रैल को हवन के साथ मां देवी की आराधना का नौ दिवसीय अनुष्ठान संपन्न हो जाएगा। पंचागों के अनुसार इस बार 9 अप्रैल मंगलवार को नवरात्र शुरू होने से देवी का आगमन घोड़ा पर हो रहा है और 18 अप्रैल गुरुवार दसवीं के दिन माता हाथी पर प्रस्थान करेंगी। नवरात्र में देवी का घोड़े पर आना ठीक नहीं लेकिन गज पर सवार होकर प्रस्थान करना शुभ है। घोड़ा पर आगमन के कारण राज्य में भय और युद्ध की स्थिति रहने की संभावना है। जबकि हाथी पर विदा होने से सीजन में अच्छी बारिश की संभावना होती है। मां दुर्गा चैत्र नवरात्र में किस वाहन से आती हैं और किससे जाती हैं, यह बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसी से देश की दिशा और दशा की भविष्यवाणी तय होती है। वहीं, विजयादशमी गुरुवार को है। माता की विदाई नर वाहन पर होगी। यह भक्तों के लिए उत्तम और सुख प्रदान करने वाला है। चैत्र नवरात्र की तैयारी मां मंगलागौरी मंदिर में जोर-शोर से चल रही है। इस बार नवरात्र मंगलवार से शुरू हो रहा है। इस वजह से जिले के प्रमुख देवी मंदिरों में पहले दिन भी भक्तों की भारी भीड़ होगी। गया में मां मंगलागौरी मंदिर होने के कारण नवरात्र का विशेष महत्व है। 51 शक्ठिपीठों में एक मां मंगलगौरी के दरबार में नवरात्र के हर दिन भक्तों की कतार लगेगी। स्थानीय के अलावा दूसरे जिलों से भी श्रद्धालु दर्शन-पूजन को आएंगे।

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