October 29, 2025

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत सीबीएसई ने ओपन बुक एग्जाम को दी मंजूरी, परीक्षा में किताब से लिख सकेंगे 9वीं से 12वीं के परीक्षार्थी

पटना। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत सीबीएसई आने वाले सत्र में एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अब सीबीएसई की परीक्षा में बच्चे किताब खोलकर एग्जाम दे सकेंगे। दरअसल, सीबीएसई ने परीक्षाओं में ओपन बुक सिस्टम लागू करने की ओर कदम बढ़ा दिया है। बोर्ड ने अपने कुछ स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ओपन बुक एग्जाम (OBE) आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है। बोर्ड ने साल के अंत में अपने चुनिंदा स्कूलों में ओपन बुक टेस्ट का ट्रायल आयोजित करने की योजना बनाई है। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डॉ संयम भारद्वाज ने बताया कि OBE को इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में आयोजित करने का प्रस्ताव है। इससे छात्रों की सोच, स्किल्स, एप्लीकेशन, एनालिसिस, क्रिटिकल और क्रिएटिव थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी की टेस्ट ली जाएगी। पहले ट्रायल के तौर पर 9वीं से 10वीं के अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और कक्षा 11वीं से 12वीं के लिए अंग्रेजी, गणित और जीवविज्ञान के लिए कुछ स्कूलों में ओपन-बुक टेस्ट करायी जाएगी। यह पायलट रन यह निर्धारित करेगा कि क्या इसे सभी स्कूलों पर लागू किया जाना चाहिए या नहीं। जून तक ओपन बुक एग्जाम के पायलट डिजाइन और डेवलेपमेंट को पूरा करने की योजना है। यह फॉर्मेट दिल्ली विश्वविद्यालय से तैयार किया जाएगा। ओपन-बुक परीक्षा में छात्रों को परीक्षा के दौरान अपने नोट्स, किताबें या कोई अन्य स्टडी मटेरियल साथ ले जाने और उन्हें देखने की अनुमति मिलेगी। यानी एग्जाम दे रहे स्टूडेंट्स बुक और नोट्स से आंसर खोजकर लिख सकते हैं। सीबीएसई के अधिकारियों ने कहा कि ओपन-बुक एग्जाम बंद किताब वाली परीक्षाओं से ज्यादा चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि इसमें छात्रों की याद रखने की क्षमता का आकलन नहीं किया जाता, बल्कि किसी विषय या टॉपिक की समझ और उसके प्रैक्टिकल ज्ञान को परखा जाता है।

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