पहलगाम हमले को लेकर सरकार ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक, गृह मंत्री होंगे शामिल, बनेगी आगामी रणनीति

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देश भर में गुस्से और चिंता का माहौल है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस गंभीर घटना के मद्देनजर केंद्र सरकार ने आज दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें देश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को शामिल किया गया है।
बैठक में होंगे रक्षा और गृह मंत्री शामिल
यह सर्वदलीय बैठक आज शाम 6 बजे नई संसद भवन में होगी। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहेंगे। बैठक का उद्देश्य है—देश में सुरक्षा को लेकर एकजुट रणनीति बनाना और सभी दलों को विश्वास में लेकर आगे की कार्रवाई तय करना। इस दौरान पहलगाम हमले पर केंद्र की प्रतिक्रिया और संभावित जवाबी रणनीति पर चर्चा होगी।
पाकिस्तान की घबराहट, फाइटर जेट्स को किया तैनात
हमले के बाद भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान की चिंता साफ दिखाई दे रही है। खबरों के अनुसार पाकिस्तान ने अपने कराची एयरबेस से 18 जेएफ-17 फाइटर जेट भारत से सटे एयरफोर्स स्टेशनों पर भेज दिए हैं। ये फाइटर जेट लाहौर और रावलपिंडी के एयरबेस पर तैनात किए गए हैं। पाकिस्तान की आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ आपात बैठक भी की है।
एलओसी पर बढ़ाई गई निगरानी
भारत-पाकिस्तान के बीच करीब 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान ने अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना की संभावित स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तानी फौज हाई अलर्ट पर है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने अरब सागर में मिसाइल फायरिंग अभ्यास भी शुरू कर दिया है।
भारत का कड़ा रुख, वीजा योजना स्थगित
भारत ने सार्क वीजा छूट योजना को फिलहाल निलंबित कर दिया है। इसके तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। अटारी-वाघा बॉर्डर पर कई पाकिस्तानी नागरिक अपने देश लौटने के लिए पहुंच रहे हैं। यह कदम भारत की सख्त प्रतिक्रिया का संकेत माना जा रहा है।
कांग्रेस ने किया बैठक का समर्थन
कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। पार्टी नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार ने हमारी मांग मानते हुए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। अब प्रधानमंत्री मोदी को स्वयं इस बैठक में शामिल होकर देश को भरोसा देना चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे इस बैठक से पहले पार्टी की सीडब्ल्यूसी बैठक में शामिल हुए। देश एक बार फिर आतंकवाद के सामने खड़ा है और ऐसे समय में राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुटता की जरूरत है। सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाना इसी दिशा में एक अहम कदम है, ताकि आतंक के खिलाफ साझा रणनीति बनाई जा सके और देशवासियों को सुरक्षा का भरोसा मिल सके।
