मुख्यमंत्री ने पटना में आज बुलाई कैबिनेट की बैठक, आचार संहिता से पहले होगी अंतिम मीटिंग, कई फैसलों पर नजर
पटना। बिहार की राजनीति इस समय चुनावी रंग में रंगी हुई है। चुनाव आयोग की ओर से जल्द ही विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की जा सकती है। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी पटना में अचानक एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक बुला ली। माना जा रहा है कि यह उनके मौजूदा कार्यकाल की अंतिम बड़ी बैठक हो सकती है। इस वजह से बैठक का महत्व राजनीतिक और प्रशासनिक, दोनों दृष्टियों से बेहद खास है।
बैठक का उद्देश्य
आचार संहिता लागू होने से पहले राज्य सरकार जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसलों को अंतिम रूप देना चाहती है। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में उन प्रस्तावों पर चर्चा होगी जिनका सीधा असर जनता पर पड़ेगा और सरकार की नीतियों की दिशा स्पष्ट होगी।
कैबिनेट बैठक के संभावित फैसले
सूत्रों के अनुसार कैबिनेट बैठक में लंबित विकास कार्यों को गति देने, शिक्षकों और अन्य कर्मियों के मानदेय बढ़ाने, नई बहाली के लिए पदों का सृजन करने और महिलाओं को रोजगार से जोड़ने वाली योजनाओं पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही बुनियादी ढांचे से जुड़े प्रस्तावों को भी शामिल किए जाने की संभावना है। वित्तीय और प्रशासनिक स्तर पर कई पेचदार मसलों पर भी अंतिम निर्णय लेने की तैयारी है ताकि उन्हें चुनाव से पहले लागू किया जा सके।
महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान
इस बैठक और उससे जुड़े कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं के लिए किए जाने वाले संभावित ऐलान को माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की लगभग 25 लाख महिलाओं को सीधा लाभ दिया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक महिला के बैंक खाते में 10,000 रुपये ट्रांसफर करने की तैयारी है। इस योजना पर लगभग 2,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे और राशि ऑनलाइन माध्यम से सीधे लाभुकों के खातों में पहुंचाई जाएगी। इसे ‘संकल्प’ कार्यक्रम से जोड़कर एक औपचारिक आयोजन करने की भी योजना है।
मंत्रियों और अधिकारियों की मौजूदगी
बैठक और कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, मंत्री विजय चौधरी, मंत्री श्रवण कुमार समेत कई वरिष्ठ मंत्री और शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। उनकी भागीदारी से यह साफ होता है कि बैठक में लिए जाने वाले फैसले राज्य सरकार की आगामी रणनीति और चुनावी तैयारियों में अहम भूमिका निभाएंगे।
बैठक का चुनावी संदर्भ
इस बैठक का समय भी बेहद अहम है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार 4 अक्टूबर को पटना पहुंचने वाले हैं। वे चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे और इसके बाद जल्द ही बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। जैसे ही तारीखों की घोषणा होगी, राज्य में आचार संहिता लागू हो जाएगी और सरकार कोई नया बड़ा फैसला नहीं ले सकेगी। ऐसे में यह कैबिनेट बैठक आचार संहिता लागू होने से पहले का अंतिम अवसर है, जब सरकार जनता के हित से जुड़े प्रस्तावों को अमलीजामा पहना सकती है।
राजनीतिक महत्व
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कदम चुनाव से पहले जनता को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। खासकर महिला वोटरों को प्रभावित करने के लिए 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता योजना को एक बड़ा दांव माना जा रहा है। इससे न केवल महिलाओं में विश्वास बढ़ेगा बल्कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सरकार की छवि मजबूत करने का प्रयास भी होगा। बिहार की राजनीति में यह कैबिनेट बैठक ऐतिहासिक मानी जा सकती है। आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार की यह अंतिम कोशिश है कि जनता से जुड़े फैसलों को लागू किया जाए और चुनावी मैदान में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई जाए। महिलाओं को सीधे आर्थिक लाभ देने का ऐलान, विकास कार्यों की समीक्षा और नई योजनाओं की तैयारी इस बैठक को और भी खास बना रही है। अब देखना यह होगा कि इन फैसलों का चुनावी असर किस रूप में सामने आता है और जनता इन्हें किस नजरिए से देखती है।


