पटना मेट्रो निर्माण में बाधा बन रही घर पर चला बुलडोजर, महिला का रो-रोकर बुरा हाल

पटना। बाद खबर राजधानी पटना से आ रही है, जहां मेट्रो निर्माण में बाधा बन रही दर्जनों मकानों पर जिला प्रशाशन ने बुलडोजर चला दिया है। यह पूरा मामला अगमकुआं थाना अंतर्गत बैरिया पहाड़ी के समीप पटना मेट्रो रेल डिपो परियोजना के चल रहे निर्माण कार्य से जुड़ा है। डिपों निर्माण में अधिग्रहित किए गए एक मकान को कोर्ट के आदेश से जिला प्रशासन द्वारा शनिवार को तोड़ा गया। भारी सुरक्षा बल व पदाधिकारियों की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई। वही इस दौरान लोगों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए हंगामा किया। वही गृहस्वामी मनोज कुमार ठाकुर व रश्मि ठाकुर का आरोप था कि बिना पूर्व नोटिस दिए मकान तोड़ने की कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जा रही है। कोर्ट के आदेश अनुसार, उनके पुनर्वास की व्यवस्था किए बिना 2 मंजिला मकान तोड़ा जा रहा है। अंचलाधिकारी जितेंद्र पांडेय ने बताया कि मैट्रो डिपो के निर्माण कार्य में बाधक बन रहे इस अधिग्रहित मकान पर कार्रवाई की गयी है। वही इस मौके पर मौजूद अंचल के राजस्व पदाधिकारी नीतीश कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश व निर्देशानुसार सभी प्रक्रिया पूरी करने के उपरांत ही प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई की जा रही है। पूर्व में दिए गए नोटिस को गृहस्वामी ने लेने से इनकार कर दिया था। नोटिस मकान पर चस्पा किया गया है। वही अधिग्रहित मकान के बदले विभाग द्वारा मुआवजा राशि दी गई है। बुलडोजर द्वारा मकान को ध्वस्त किए जाने के दौरान घर का सामान लोग बाहर निकाल कर खुले भूखंड पर बिछे टाट पर जमा करने लगे। वही इस कार्य में स्थानीय नागरिक भी गृहस्वामी की मदद कर रहे थे। कार्रवाई के दौरान उपस्थित CPI के जिला सचिव विश्वजीत कुमार व अन्य ने कहा कि बिना पुनर्वास की व्यवस्था किए तथा उचित मुआवजा दिए बिना ही मकान तोड़ने की कार्रवाई कर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है। कार्रवाई के दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा 70 पुरुष व 30 महिला पुलिस बल के साथ 25 सशस्त्र पुलिस बल्कि तैनाती की गई थी।
27 मकान चिह्नित, 3 मकान पहले टूट चुका
अधिग्रहित मकान को तोड़ने की चल रही कार्रवाई के दौरान मौजूद नागरिकों ने बताया कि बैरिया पहाड़ी क्षेत्र में 27 अन्य मकानों को चिह्नित किया गया है। इनमें से 3 अधिग्रहित मकान पूर्व में तोड़ा जा चुका है। चौथा मकान मनोज कुमार ठाकुर का तोड़ा जा रहा है। नागरिकों ने मकान तोड़ने से पहले प्रभावित परिवार के पुनर्वास की मांग प्रशासन से की। जतन और पसंद से जीवनभर की कमाई लगाकर बनाए गए मकान को आंखों के सामने टूटता देख गृहस्वामी रश्मि ठाकुर दहाड़ मार कर रोती रही। एक पुत्र व एक पुत्री घर तथा पति घर के अंदर से सामान बाहर लगा कर जमा करते रहे। रश्मि ने कहा कि शनिवार को परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना करते हुए पूजा कर रही थी। वही इसी बीच लोगों ने खबर दी कि पुलिस आपका मकान तोड़ने पहुंची है। घर के किसी सदस्य के मुंह में सुबह से एक निवाला नहीं गया है। बसी गृहस्थी बिखर गयी। मुआवजा की 50 लाख राशि से सिर छिपाने को घर बनेगा या अविवाहित दोनों बच्चों का भविष्य संवरेगा?

About Post Author