October 28, 2025

हाजीपुर में बदमाशों ने बीजेपी प्रचार वाहन के पोस्टर फाड़े, चालक से की मारपीट, छीना मोबाइल

  • राजद जिंदाबाद के नारे लगाते हुए फरार हुए हमलावर, पुलिस ने शुरू की जांच

हाजीपुर। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र एक चौंकाने वाली घटना हाजीपुर से सामने आई है। सदर थाना क्षेत्र के दौलतपुर दुर्गा मंदिर के पास बुधवार की देर शाम बीजेपी के प्रचार वाहन पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया। इस दौरान न केवल वाहन के पोस्टर फाड़े गए, बल्कि चालक और उसके साथी के साथ मारपीट की गई तथा मोबाइल फोन भी छीन लिया गया। इस घटना से इलाके में दहशत और राजनीतिक तनाव का माहौल बन गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना बुधवार की शाम करीब साढ़े सात बजे की है। मनुआ पोखर निवासी मोहन राय के पुत्र मेघन कुमार, जो बीजेपी के प्रचार वाहन के रूप में टोटो चला रहे थे, अपने साथी रविंद्र कुमार (पिता शिवनाथ पासवान) के साथ दौलतपुर इलाके में चुनाव प्रचार के लिए जा रहे थे। इसी दौरान चार से पाँच बाइक सवार युवक, जिन्होंने अपने सिर पर हरे गमछे बांध रखे थे, अचानक उनके वाहन के पास आ पहुंचे और प्रचार सामग्री पर हमला बोल दिया। मेघन कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि बदमाशों ने बिना किसी कारण के पहले उनसे उलझना शुरू किया और फिर बीजेपी के पोस्टर और बैनर फाड़ दिए। जब उन्होंने विरोध किया, तो बदमाशों ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की। इस दौरान उनका और उनके साथी रविंद्र कुमार का मोबाइल फोन भी छीन लिया गया। मेघन कुमार ने बताया कि बदमाशों ने उन्हें जमीन पर गिराकर पीटा और जान से मारने की धमकी दी। उनके अनुसार, जब उन्होंने हाथ जोड़कर पैर पकड़कर गिड़गिड़ाया, तब जाकर हमलावरों ने उन्हें छोड़ा। इसके बाद उन्होंने उनका मोबाइल फोन वापस कर दिया, लेकिन यह चेतावनी दी कि अगर अगली बार उनके वाहन पर बीजेपी का पोस्टर या झंडा देखा गया, तो उन्हें गोली मार दी जाएगी। घटना के दौरान बदमाशों ने “राजद जिंदाबाद” के नारे भी लगाए और तेजी से बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। इस वारदात से स्पष्ट है कि यह घटना राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित हो सकती है। घटना की जानकारी मिलते ही सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। थाना अध्यक्ष यशोधानंद पांडे ने बताया कि चालक मेघन कुमार की लिखित शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है, ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके। थाना अध्यक्ष ने यह भी कहा कि यह मामला चुनावी माहौल में राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हिंसा का हो सकता है। उन्होंने बताया कि संबंधित इलाके में पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गई है और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी को सख्त किया गया है। घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी डर और नाराजगी का माहौल है। उनका कहना है कि चुनाव के समय इस तरह की घटनाएं लोकतांत्रिक माहौल को दूषित करती हैं। ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि दोषियों की शीघ्र पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के साथ ऐसी वारदात दोबारा न हो। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी मौसम में इस तरह की घटनाएं राजनीतिक तनाव को भड़काने का काम करती हैं और इसका असर मतदाताओं के बीच भी देखा जा सकता है। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात बाइक सवार हमलावरों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है और उनकी तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि चुनावी माहौल में सुरक्षा व्यवस्था कितनी पुख्ता है और क्या प्रशासन राजनीतिक हिंसा को रोक पाने में सक्षम है।

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