बिहटा के राजकुमार शर्मा के खेतों में लहलहा रहा हैं काला सोना ‘ब्लैक राईस’,आसपास के किसानों के लिए बना कौतूहल का विषय

बिहटा।’ऐ भईया ई कोन धान लगैलेह सब करीया करीया हव या बड़ा गमकीत हव।आजकल यह सवाल बिहटा प्रखंड के डिहरी गांव के किसान राजकुमार शर्मा से खुब पुछे जा रहें हैं।
दरअसल राजकुमार ने इस साल ब्लैक राइस की खेती की है। इसकी तने और बालियों की ज्यादा लंबाई मनमोहक सुगंध और काला रंग सभी किसानों को लुभा रहा है व उनके जुबान पर हैं । राजकुमार ने बताया कि हमे हमारे बेटे अमित व सुमित ने इसकी जानकारी मिली। वे आवाज एक पहल नामक सामाजिक संस्था से जुड़े हुए हैं जो इन दिनों आधुनिक खेती को प्रोत्साहित व प्रचारित कर रही है ।
राजकुमार के अनुसार उन्हें अभी तक इसकी खेती में उन्हें कोई भी परेशानी नहीं आई है । कम पानी और बगैर फर्टिलाइजर यूज किए हुए उनकी फसल लहलहा रही हैं।
आवाज एक पहल के लव कुश ने बताया कि इसकी खेती भारत में सर्वप्रथम मणिपुर से शुरू हुई थी पिछले साल उन्होंने बक्सर के कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से बिहार में इसका ट्रायल हुआ था । कृषि वैज्ञानिकों के देखरेख में यह प्रयोग बिल्कुल सफल रहा ।संस्था इस साल बिहार में तकरीबन एक सौ किसानों से ब्लैक राइस की खेती करवा रही हैं । इसका बाजार भाव अधिक होने के कारण किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलने की उम्मीद है। मौजूदा दौर में ब्लैक राइस 300 से लेकर ₹2000 प्रति किलो तक बाजार में बिक रहे हैं। उन्होंने बताया कि ब्लैक राइस के फायदे अनमोल हैं। ब्लैक राइस में काफी एंटीऑक्सीडेंट होता है। अगर कॉफी से तुलना की जाए तो उसके वनिस्पत इसमें 4 गुना ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट होता है।
आम सफेद चावल के मुकाबले इसमें ज्‍यादा विटामिन B और E के साथ कैलशिमय, मैगनीशियम, आयरन और जिंक की भी मात्रा ज्‍यादा होती है।

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