4 माह बाद कार्रवाई : बिहार विधानसभा में विधायकों के साथ बदसलूकी करने के मामले में 2 सिपाही सस्पेंड, जानिए पूरा मामला

पटना। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को विधानमंडल परिसर से जो तस्वीरें सामने आई थीं, वह लोकतंत्र को शर्मसार करनेवाली थी। विधानसभा की सीढ़ियों से विधायक उठाकर फेंके व घसीटें जा रहे थे। अब इस मामले में लगभग 4 माह बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई की है। पूरे चार माह होने में एक दिन शेष है। सुरक्षा में लगे दो सिपाहियों को मारपीट करने का आरोपी मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है। ये दो सिपाही शेषनाथ प्रसाद और रणजीत कुमार हैं। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इस कार्रवाई की जानकारी दी है। वहीं इस कार्रवाई को 26 जुलाई से शुरू होने वाले बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र से जोड़कर देखा जा रहा है।
क्या था मामला
बता दें कि इसी साल 23 मार्च को विधानसभा परिसर में विधानसभा के सुरक्षा प्रहरी की संख्या काफी कम रहने के कारण मार्शल और बिहार पुलिस के जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। 23 मार्च को बहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल विधेयक के विरोध में राजद, कांग्रेस, वामदल सहित सभी विपक्षी दलों ने सदन के अंदर जमकर हंगामा किया था। इस हंगामे में 6 बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। शाम को विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के कमरे के बाहर धरना देकर उनका घेराव किया था। आसन के पास पहुंचकर लगातार हंगामा कर रहे थे। मामला जब हद से बढ़ गया तो विधानसभा अध्यक्ष ने बाहर से पुलिस बल को बुलाकर हंगामा कर रहे विधायकों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया। विरोध करने वाले तमाम विधायकों को सदन से धक्के मार कर बाहर निकाला गया था। आरोप लगा कि इस दौरान हंगामे पर काबू पाने के नाम पर बाहरी पुलिसकर्मियों ने विधायकों के साथ मारपीट और बदसलूकी की।


डीजीपी और गृह सचिव को दिया गया था जांच का निर्देश
विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों के साथ सभा सचिवालय के सीसीटीवी से लिये गये घटना के वीडियो फुटेज तथा नेता प्रतिपक्ष द्वारा उपलब्ध कराये गये वीडियो फुटेज को भी देखे थे। इसके बाद विधायकों की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में डीजीपी और गृह सचिव को जांच के निर्देश दिए थे। मामले की जांच पूरी होने के बाद उसी रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा में लगे दो सिपाहियों शेषनाथ प्रसाद और रणजीत कुमार पर आज कार्रवाई हुई है। दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है ।
तेजस्वी ने 14 जुलाई को लिखा था पत्र
इस घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को पत्र लिखा था। अपने पत्र में तेजस्वी ने मारपीट मामले में आरोपियों पर कार्रवाई करने की मांग दुहराई थी। तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में लिखा था कि 23 मार्च 2021 को विधानसभा में जो घटना घटी वो हिंसात्मक, अलोकतांत्रिक, शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। तेजस्वी ने लिखा था कि इस घटना के बाद सदस्यों को सदन में जाने से डर लगने लगा है।
कार्रवाई विपक्ष को शांत करने की कोशिश
इस कार्रवाई को 26 जुलाई से शुरू होने वाले बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र से जोड़कर देखा जा रहा है। महज 5 दिनों का यह सत्र 3 दिन बाद शुरू हो जाएगा। संभावना यह कि इस सत्र में हंगामा खूब होनेवाला है क्योंकि विपक्ष कोरोना के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी के साथ उतरेगी। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई कर विपक्ष को शांत करने की कोशिश की है।

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