बिहार में सभी बालू घाटों की बंदोबस्ती पर लगी अंतरिम रोक,एनजीटी में जारी है सुनवाई

पटना।प्रदेश में बालू खनन पर माफियाओं का वर्चस्व को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार ने बालू खनन नियमावली-2019 तो लागू कर दिया लेकिन नई नियमावली को लेकर विवादों का दौर अभी थमा नहीं है।आगामी 5 वर्षों के लिए बालू घाटों की बंदोबस्ती संबंधी नीलामी की प्रक्रिया आरंभ होने वाली थी।जिस पर खनन एवं भूतत्व विभाग ने आज रोक लगा दी है आज से निविदा प्रपत्रों बिक्री होने वाली थी,जिस पर रोक लगी है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) में 21 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई के बाद टेंडर पर निर्णय लिया जाएगा। विभाग द्वारा प्रेषित पत्र में में यह बताया गया हैं की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में आगामी 21 अक्टूबर की सुनवाई निर्धारित हैं। वहां से क्लीयरेंस मिलने के बाद आगामी पांच वर्षों के लिये का टेंडर किया जाएगा ।ज्ञातव्य हो की आगामी 25 अक्टूबर तक पटना ,भोजपुर, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास, गया, जहानाबाद, जमुई, लखीसराय, भागलपुर, बांका जिले में बालू खनन का निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने का समय निर्धारित किया गया था।

जानकार सूत्रों के मुताबिक बिहार में अवैध खनन तथा बालू घाटों पर बालू माफियाओं के वर्चस्व को समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने नई नियमावली के तहत किसी एक कंपनी अथवा व्यक्ति को दो घाट से अधिक निविदा स्वरूप नहीं दिए जाने का निर्णय लिया।नई नियमावली के तहत अवैध बालू खनन पर रोक करने के उपाय अमल में लाए जाएंगे। ज्ञात हो कि अवैध बालू खनन के वजह से बड़े स्तर पर पर्यावरणीय क्षति होती है।जिसका मामला समय-समय पर एनजीटी में चलता रहता है।

निविदा प्रक्रिया के लिए खनन विभाग ने पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया । आज से निविदा प्रपत्र का बिक्री -पत्र होना था की खनन विभाग ने ज्ञापांक-3495 दिनांक 11/10/19 जारी कर बालू खनन प्रक्रिया ,नीलामी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया हैं।

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