बिहार में ढाई हजार अवैध पैथोलॉजी लैब तथा डायग्नोस्टिक सेंटर,नौ जिलों में नहीं है एक भी वैध जांच केंद्र।

पटना। बिहार में सभी नियम कानूनों को धता बताते हुए अवैध पैथोलॉजी सेंटर का धंधा बदस्तूर जारी है।अधिकांश जिलों में खुलेआम अवैध पैथोलॉजी लैब संचालित हो रहे हैं।जिससे आम जनों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।राज्य सरकार ने पटना उच्च न्यायालय में यह जानकारी दी है।राज्य सरकार ने कोर्ट को जो जानकारी दी है।उसके अनुसार प्रदेश भर के  कुल 3153 पैथोलॉजिकल व डायग्नोस्टिक सेंटर में 2514 सेंटर अवैध हैं। यहां तक कि राज्य के 9 जिलों में एक भी वैध पैथोलॉजिकल या डायग्नोस्टिक सेंटर नहीं है।खुद सरकार ने पटना उच्च न्यायालय में यह खुलासा किया है।हालांकि सरकार ने हाईकोर्ट में बताया है कि अवैध सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि ऐसे ज्यादातर सेंटर बंद करा दिए गए हैं। मगर इस मसले के याचिकाकर्ता ने सरकार के दावे को पूरी तरह से नकार दिया है। कहा-अब भी ऐसे सेंटर चल रहे हैं। इसपर मुख्य न्यायाधीश एपी शाही व न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने सभी सिविल सर्जन से 13 अगस्त तक कार्रवाई की अपडेट रिपोर्ट मांगी है।सूबे के सभी सीएस को बताना होगा कि नए क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट कानून के तहत ऐसे सेंटरों पर क्या कार्रवाई की गई।सरकार ने जो जोनकारी दी है उसके अनुसार बिहार के 9 जिलों में एक भी वैध लैब नहीं है।सरकार के रिपोर्ट के अनुसार राज्य के मुजफ्फरपुर शिवहर सुपौल  अररिया किशनगंज बांका  लखीसराय  तथा कैमूर में  एक भी वैध जांच केंद्र नहीं है।

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