बेंगलुरु में 24 स्कूलों को मिली बम से उड़ाने की धमकी, प्रशासन में हड़कंप, अलर्ट जारी

बेंगलुरु। हाल के दिनों में देश के दो प्रमुख महानगरों – दिल्ली और बेंगलुरु – में एक के बाद एक स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियां मिलना चिंता का विषय बन गया है। इन धमकियों ने न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि स्कूल प्रशासन, अभिभावकों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच भय और तनाव की स्थिति भी उत्पन्न कर दी है।
बेंगलुरु के 40 स्कूलों को ईमेल से धमकी
शुक्रवार सुबह बेंगलुरु के कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए। इन धमकियों में लगभग 40 निजी स्कूलों को निशाना बनाया गया, जिनमें राजराजेश्वरी नगर, केंगेरी और अन्य क्षेत्रों के स्कूल शामिल हैं। धमकी भरे ईमेल में कहा गया कि स्कूलों की कक्षाओं में खतरनाक विस्फोटक पदार्थ, जैसे ट्राइनाइट्रोटोल्यूइन, छिपाकर रखे गए हैं। ईमेल भेजने वाले ने स्कूल प्रशासन को चेतावनी दी कि वह सभी को “इस दुनिया से मिटा देगा” और कोई जीवित नहीं बचेगा।
प्रशासन की तत्परता और कार्रवाई
जैसे ही बेंगलुरु पुलिस को इन धमकियों की जानकारी मिली, तुरंत बम निरोधक दस्तों, डॉग स्क्वॉड और साइबर टीमों को अलर्ट कर स्कूलों में भेजा गया। स्कूलों को खाली कराया गया और कुछ स्कूलों ने बच्चों को घर भेज दिया जबकि अन्य ने सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से छात्रों को रखा। बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रारंभिक जांच में ये धमकियां फर्जी प्रतीत हो रही हैं, लेकिन सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है। साइबर यूनिट के सहयोग से ईमेल भेजने वाले की पहचान की कोशिश की जा रही है।
दिल्ली में लगातार चौथे दिन धमकी
बेंगलुरु की घटना से पहले दिल्ली में भी स्कूलों को बम धमकी मिल चुकी है। शुक्रवार को दिल्ली के 20 से अधिक स्कूलों को इस तरह की धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए। इनमें रोहिणी, सिविल लाइंस, पश्चिम विहार, वसंत कुंज, हौज खास और लोदी एस्टेट स्थित प्रमुख स्कूल शामिल हैं। यह दिल्ली में लगातार चौथा दिन था जब स्कूलों को ऐसी धमकियां मिलीं।
दिल्ली पुलिस की तत्परता और तलाशी अभियान
दिल्ली पुलिस, फायर ब्रिगेड और बम निरोधक दस्तों ने हर स्कूल में तत्काल तलाशी अभियान चलाया। सभी स्कूलों को खाली कराया गया। तलाशी के बाद किसी भी स्कूल में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, जिससे प्रथम दृष्टया ये धमकियां भी फर्जी पाई गई हैं। बावजूद इसके पुलिस गंभीरता से हर एंगल की जांच कर रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और चिंताएं
दिल्ली की शिक्षा मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इन घटनाओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली में प्रशासन के हर स्तर पर नियंत्रण रखती है, लेकिन फिर भी बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रही है। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों की चिंता को सरकार की विफलता बताया।
सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा
इन धमकियों के बीच कई सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली में मॉक ड्रिल आयोजित कर अपनी तैयारियों की समीक्षा की। 10 स्थानों पर किए गए इन अभ्यासों से यह सुनिश्चित किया गया कि किसी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया कैसे दी जा सकती है। दिल्ली और बेंगलुरु में स्कूलों को लगातार मिल रही बम धमकियों ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि समाज में भय का माहौल भी बना दिया है। बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं, जिन पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। अब आवश्यकता है कि सुरक्षा एजेंसियां इन घटनाओं की तह तक जाकर दोषियों को गिरफ्तार करें और अभिभावकों को भरोसा दिलाएं कि उनके बच्चे स्कूलों में सुरक्षित हैं।
