प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे का दिल का दौरा पड़ने से निधन, 92 साल की आयु में ली अंतिम सांस

मुंबई। मशहूर क्लासिकल सिंगर प्रभा अत्रे का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्हें शनिवार सुबह पुणे में हार्ट अटैक आया। घरवाले तुरंत उन्हें दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल ले गए लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। कुछ दिनों बाद ही वो मुंबई में परफॉर्म करने वाली थीं, जिसकी सारी तैयारियां भी थीं,लेकिन इससे पहले ही उनका निधन हो गया। पुणे से ताल्लुक रखने वालीं सिंगर प्रभा अत्रे को 1990 में पद्मश्री से और 2002 में पद्मभूषण सम्मानित किया गया था, वहीं दो साल पहले 2022 में उन्हें पद्मविभूषण से भी सम्मानित किया गया है। 13 सितंबर 1932 को पुणे में जन्मीं प्रभा अत्रे किराना घराने से ताल्लुक रखती हैं। ये इस घराने की सबसे सीनियर सिंगर थीं। प्रभा अत्रे कई म्यूजिक जॉनर ख्याल, ठुमरी, दादरा, गजल, गीत, नाट्यसंगीत और भजन में महारत हासिल थी। अपूर्वा कल्याण, दादरी कौंस, पटदीप मल्हार, तिलंग भैरवी, रवि भैरवी और मधुर कौन जैसे कई राग को उन्होंने ही बनाया है। म्यूजिक कंपोजिशन पर लिखी गईं उनकी तीन बुक स्वरागिनी, स्वरारांगी और स्वरंजनी काफी पॉपुलर हैं। अल्का जोगलेकर, चेतन बनावत जैसे कई सिंगर इनके शिष्य रह चुके हैं। प्रभा अत्रे ऑल इंडिया रेडियो की फॉर्मर असिस्टेंड प्रोड्यूसर और ए-ग्रेड ड्रामा आर्टिस्ट भी रह चुकी हैं। प्रभा अत्रे के पास सिंगल स्टेज में 11 बुक रिलीज करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। उन्होंने 18 अप्रैल 2016 को नई दिल्ली के इंडिया हेबिटेट सेंटर में म्यूजिक पर लिखी गईं हिंदी और अंग्रेजी भाषा की 11 बुक लॉन्च की थीं। संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा तीनों प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों- पद्म विभूषण, पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। प्रभा अत्रे के परिवार के कुछ करीबी सदस्य विदेश में रहते हैं। परिवारीजनों के आने के बाद गायिका का अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रभा अत्रे का जन्म 13 सितंबर 1932 को पुणे में हुआ। वे बहुमुखी प्रतिभा की धनी थीं। एक शास्त्रीय गायिका होने के अलावा, उन्होंने एक शिक्षाविद, शोधकर्ता, संगीतकार और लेखिका के रूप में भी शानदार काम किया। विज्ञान और कानून में स्नातक प्रभा अत्रे ने संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।

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