राजगीर में एएसआई ने की आत्महत्या, सर्विस रिवॉल्वर से खुद को मारी गोली, मचा हडकंप
नालंदा। बिहार के नालंदा जिले के राजगीर थाना क्षेत्र से मंगलवार को एक दर्दनाक खबर सामने आई, जहां थाने में तैनात एएसआई (सहायक उप निरीक्षक) सुमन तिर्की ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद पूरे पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई। थाना परिसर में हुई इस घटना ने न केवल पुलिस अधिकारियों को झकझोर दिया बल्कि इसने एक बार फिर सवाल खड़ा किया कि आखिर पुलिसकर्मी किन दबावों और मानसिक तनावों के बीच काम करते हैं।
घटना की जानकारी और पुलिस की कार्रवाई
घटना राजगीर थाना परिसर के पुलिस बैरक में हुई। गोली चलने की आवाज सुनते ही वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। जब तक साथी पुलिसकर्मी वहां पहुंचे, तब तक एएसआई सुमन तिर्की की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। सूचना मिलते ही राजगीर डीएसपी सुनील कुमार, थानाध्यक्ष और अन्य वरीय अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेज दिया। इसके साथ ही फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया ताकि घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए जा सकें। पुलिस ने मृतक के कमरे की तलाशी ली और उनके मोबाइल फोन, दस्तावेज़ और अन्य सामान को जब्त कर लिया है ताकि आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा सके।
मृतक एएसआई की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि
डीएसपी सुनील कुमार ने बताया कि मृतक एएसआई सुमन तिर्की झारखंड के गुमला जिले के धाबरा थाना क्षेत्र के बिहार भटौली गांव के निवासी थे। उनके पिता का नाम सुशील तिर्की है। सुमन तिर्की वर्तमान में डायल 112 आपातकालीन सेवा के तहत राजगीर थाना में पदस्थापित थे और बीते एक वर्ष से वहीं कार्यरत थे। उनके साथी पुलिसकर्मियों ने बताया कि वे अपने काम में ईमानदार और अनुशासित अधिकारी थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वे चिंतित और चुपचाप रहने लगे थे।
प्रारंभिक जांच में पारिवारिक कलह की बात सामने
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आत्महत्या का कारण पारिवारिक कलह प्रतीत हो रहा है। हालांकि, इस बात की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार, मृतक एएसआई का घर से कुछ दिनों पहले विवाद हुआ था, जिसके बाद से वे मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे। फिलहाल पुलिस इस पहलू को भी जांच के दायरे में रख रही है। डीएसपी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। साथ ही मृतक के परिवारजनों से संपर्क साधा जा रहा है ताकि यह जाना जा सके कि क्या हाल के दिनों में कोई गंभीर पारिवारिक या आर्थिक समस्या चल रही थी।
पुलिस महकमे में शोक और चिंता का माहौल
एएसआई सुमन तिर्की की आत्महत्या की खबर से पूरे नालंदा पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके साथ काम करने वाले अधिकारी और जवान स्तब्ध हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुमन तिर्की बेहद ईमानदार और जिम्मेदार अधिकारी थे, उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा से किया। किसी ने कल्पना नहीं की थी कि वे इस तरह का कदम उठा लेंगे। इस घटना ने पुलिस विभाग में मानसिक तनाव और दबाव के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिसकर्मियों को लंबी ड्यूटी, पारिवारिक दूरी और निरंतर तनाव का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण कई बार वे अवसाद में चले जाते हैं।
घटनास्थल पर जांच और साक्ष्य संकलन
फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से एएसआई की सर्विस रिवॉल्वर, कारतूस और अन्य वस्तुओं को जब्त कर लिया है। घटनास्थल की बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आत्महत्या से पहले उन्होंने किसी को फोन किया था या कोई सुसाइड नोट छोड़ा है या नहीं। उनके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल और चैट रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं ताकि उनके अंतिम क्षणों की स्थिति स्पष्ट हो सके।
प्रशासनिक स्तर पर जांच के निर्देश
घटना की गंभीरता को देखते हुए नालंदा के एसपी ने पूरे मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी पहलुओं की जांच आवश्यक है। विभाग यह भी विचार कर रहा है कि मानसिक स्वास्थ्य और परामर्श सुविधाओं को पुलिस बल में मजबूत किया जाए ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।
मृतक के परिवार से संपर्क और सहायता
पुलिस प्रशासन ने मृतक के परिजनों से संपर्क साधा है और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। शव के पोस्टमार्टम के बाद उसे परिवार को सौंप दिया जाएगा। विभागीय प्रक्रिया के तहत मृतक एएसआई के परिवार को अनुग्रह राशि और अन्य सहायता दी जाएगी। राजगीर में हुई इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि पुलिस बल में कार्यरत कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य पर कितना दबाव होता है। एएसआई सुमन तिर्की का यह कदम न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि प्रशासन को अपने कर्मचारियों के मानसिक तनाव पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। फिलहाल पुलिस जांच जारी है और अधिकारी इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि आत्महत्या के पीछे छिपे असली कारणों का जल्द से जल्द खुलासा हो सके।


