बिहार में परीक्षा के आधार पर होगी एएनएम की नियुक्ति, स्वास्थ्य विभाग का आदेश जारी

पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के विभाग यानी स्वास्थ्य विभाग ने एएनएम की नियुक्ति को लेकर बड़ा बदलाव किया है। राज्य में अब एएनएम की नियुक्ति केवल काउंसलिंग के आधार पर नहीं होगी बल्कि उसके लिए अब कंप्यूटर आधारित प्रतियोगिता परीक्षा भी ली जाएगी। इसके साथ ही साथ इंटरव्यू की भी व्यवस्था करवाई गई। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के तरफ से दी गई है। राज्य में एएनएम की नियुक्ति की प्रक्रिया बदल गई है। अब प्रदेश में 10 हजार एएनएम की नियुक्ति केवल काउंसेलिंग के आधार पर नहीं होगी, बल्कि उससे पहले इसके लिए कंप्यूटर आधारित प्रतियोगिता परीक्षा भी ली जायेगी। बिहार तकनीकी सेवा आयोग की वेबसाइट पर जारी सूचना के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया अब दो चरणों में पूरी होगी। प्रथम चरण में प्रतियोगिता परीक्षा होगी। उसके बाद द्वितीय चरण में काउंसलिंग होगी। प्रथम चरण में ली जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों को उनके आरक्षण कोटि के लिए निर्धारित न्यूनतम क्वालीफाइंग अंक नहीं मिलेगा, उनको नियुक्ति के द्वितीय चरण में आयोजित काउंसलिंग में बैठने का मौका नहीं मिलेगा। काउंसलिंग में प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर 60 फीसदी अंक मिलेगा। इसके लिए अंकों का निर्धारण प्रतियोगिता परीक्षा में प्राप्त अंक को 0.6 से गुना करके किया जायेगा। यानी किसी अभ्यर्थी को प्रतियोगिता परीक्षा में 50 फीसदी अंक मिला है, तो काउंसेलिंग में काउंट होने वाला उसका अंक 30 होगा। वही, इस प्रतियोगिता परीक्षा में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 40 फीसदी अंक, पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 36.5 फीसदी अंक, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 34 फीसदी अंक,अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला व दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 32 फीसदी अंक आना अनिवार्य होगा। एएनएम की नियुक्ति के लिए प्रतियोगिता परीक्षा 100 अंकों की होगी, जिसमें वस्तुनिष्ठ बहु वैकल्पिक प्रश्न पूछे जायेंगे। इसकी परीक्षा अवधि दो घंटे की होगी। इसमें निगेटिव मार्किंग भी लागू होगी और हर गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक कटेंगे। एएनएम के लिए निर्धारित अद्यतन पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जायेंगे और इन्हें आयोग की वेबसाइट पर जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा।

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