मणिपुर हिंसा में फंसे 163 छात्रों को लेकर पटना एयरपोर्ट पहुंचा विमान, गुलाब देकर किया गया स्वागत

  • मणिपुर से 163 स्टूडेंट्स पटना पहुंचे, इसमें 142 स्टूडेंट्स बिहार और 21 स्टूडेंट्स झारखंड के

पटना। मणिपुर में हिंसा में फंसे 163 स्टूडेंट्स को लेकर फ्लाइट सुबह 11 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंची। एयरपोर्ट पर छात्रों का गुलाब देकर स्वागत किया गया। छात्रों को लेने के लिए उनके परिवार के लोग भी एयरपोर्ट पर पहुंचे हुए थे। स्टूडेंट्स ने कहा कि वहां हालात बहुत खराब थे। जहां हम रुके थे वहां से थोड़ी दूर पर बमबारी हो रही थी। हम बहुत डरे हुए थे। स्टूडेंट्स ने बिहार सरकार को शुक्रिया कहा। जानकारी के मुताबिक 8 बजकर 40 मिनट में इंफाल से छात्रों को लेकर फ्लाइट पटना एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई। ये फ्लाइट करीब 11 बजे पटना पहुंची। इसमें से 21 स्टूडेंट्स झारखंड के थे, जिन्हें बस से रांची भेजा गया है। मणिपुर से स्टूडेंट्स को लाने की पूरी व्यवस्था बिहार सरकार ने की थी। इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद अधिकारियों को निर्देश दिए थे।
मणिपुर से 163 स्टूडेंट्स पटना पहुंचे, इसमें 142 स्टूडेंट्स बिहार और 21 स्टूडेंट्स झारखंड के है
मणिपुर में 3 मई से हिंसा भड़की हुई है। इससे वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। जानकारी के मुताबिक बिहार के करीब 300 स्टूडेंट्स मणिपुर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में फंसे थे। छात्रों की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों सकुशल वापसी के लिए पूरे इंतजाम के निर्देश दिए थे।
जानें आखिर क्यों जल रहा मणिपुर
मणिपुर की लगभग 38 लाख की आबादी में से आधे से ज्यादा मैतेई समुदाय के लोग हैं। मणिपुर के लगभग 10% क्षेत्रफल में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल है। हाल ही में मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने के लिए आदेश जारी किए हैं। मैतेई समुदाय के लोगों का तर्क है कि 1949 में भारतीय संघ में विलय से पूर्व उन्हें रियासतकाल में जनजाति का दर्जा प्राप्त था। पिछले 70 साल में मैतेई आबादी 62 फीसदी से घटकर लगभग 50 फीसदी के आसपास रह गई है। अपनी सांस्कृतिक पहचान के लिए मैतेई समुदाय आरक्षण मांग रहा है। वही मणिपुर की नगा और कुकी जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। राज्य के 90% क्षेत्र में रहने वाला नगा और कुकी राज्य की आबादी का 34% हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। राजनीतिक रूप से मैतेई समुदाय का पहले से ही मणिपुर में दबदबा है। नगा और कुकी जनजातियों को आशंका है कि एसटी वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों में बंटवारा होगा। मौजूदा कानून के अनुसार मैतेई समुदाय को राज्य के पहाड़ी इलाकों में बसने की इजाजत नहीं है।

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