मुजफ्फरपुर में ATM फ्रॉड करने वाले गैंग का पर्दाफाश, 5 गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर, बिहार। मुजफ्फरपुर के कांटी इलाके में छापेमारी कर डिस्ट्रिक इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) की टीम ने एटीएम फ्रॉड गैंग के पांच शातिरों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ में उत्तर बिहार में सक्रिय गैंग के 50 से अधिक शातिरों के बारे में जानकारी मिली है। इनके सत्यापन में टीम लगी है। गिरफ्तार शातिरों के पास से पुलिस ने अलग-अलग नाम के एक दर्जन एटीएम कार्ड भी जब्त किए हैं। सभी एटीएम कार्ड क्लोन के जरिए तैयार किए गए हैं। एसएसपी जयंतकांत ने गैंग के शातिरों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। एसएसपी ने बताया कि एटीएम फ्रॉड गैंग का सरगना पानापुर इलाके का पंकज सहनी है। उसने गैंग का नाम पंकज मैनेजमेंट कंपनी रखा है। युवकों को जोड़ता है। उन्हें पानापुर ओपी के किशु मधुवन गांव में ही ट्रेनिंग देता है। मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, सारण, गोपालगंज, बेतिया, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी और शिवहर में गैंग के शातिरों पर 200 से अधिक केस दर्ज हैं।

एसएसपी ने बताया कि गैंग एक ट्रिक के जरिए एटीएम को कुछ देर के लिए हैक कर लेता है। इसी क्रम में रुपये निकासी करने गये लोगों को मदद का झांसा देकर उसका कार्ड बदल लेता है। मदद के दौरान गोपनीय पिन भी देख लेता है। इस तरह बदल लिए गए एटीएम कार्ड के जरिए खाते से राशि निकाल लेता है। इसके अलावा गैंग एटीएम चिप को भी स्कैन करने वाली मशीन रखता है, जिसकी मदद से एटीएम कार्ड का क्लोन बना लेता है। इस तरह खाते से रुपये उड़ा लेता है। एसएसपी ने बताया कि गैंग के एक से दो शातिर लाइन में लग जाते हैं। बाकी शातिर आसपास में हथियार से लैस रहते हैं ताकि कार्ड बदलने या चिप का क्लोन बनाने के दौरान यदि उनका साथी पकड़ा जाए तो फायरिंग करके उसे भीड़ से छुड़ा सके। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए शातिरों से पूछताछ के बाद केस दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। पंकज सहनी फरार है। उसे दबोचने के लिए लोकेशन ली जा रही है।

2 साल पहले ब्रह्मपुरा और नगर थाने की पुलिस की कार्रवाई में इस गैंग के शातिरों को पकड़ा गया था। इसमें पंकज सहनी के भाई पप्पू सहनी को पुलिस ने 34 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। पप्पू के सिकंदरपुर स्थित घर से पुलिस ने रुपये बरामद किए थे। तब इस गिरोह पर करोड़ों रुपये एटीएम फ्रॉड से कमाई करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की गई थी। पंकज सहनी के पिता राजद नेता उमाशंकर सहनी को भी इस केस में नामजद आरोपित बनाया गया था। उनपर आरोप है कि वह अपनी राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करके गैंग के शातिरों को संरक्षण देता था।

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