कैंसर की रोकथाम के साथ ही तंबाकू पर पूरी तरह प्रतिबंध जरूरी

  • पटना एम्स में विश्व कैंसर दिवस पर वैज्ञानिक पत्रकारिता पर कार्यशाला का आयोजन

फुलवारी शरीफ (अजीत)। विकिरण आन्कोलॉजी विभाग, एम्स पटना ने विश्व कैंसर दिवस को चिह्नित करने के लिए ‘क्लोज द केयर गैप’ विषय पर वैज्ञानिक पत्रकारिता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। विभाग के प्रमुख डॉ. प्रीतांजलि सिंह ने प्रतिभागियों का स्वागत किया, जबकि डॉ. उमेश भदानी, डीन (अकादमिक) ने अपना उद्घाटन भाषण दिया।
डॉ. भदानी ने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद कैंसर के रोगों के मरीज लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। कैंसर के मरीजों की बढ़ती तादाद पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि शहरों में पढ़े-लिखे शिक्षित और जागरूक होने के बावजूद ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरों में कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पिछले कई वर्षों से सिर्फ इसके बढ़ने पर ध्यान दे रहे हैं और अब तक भी हमने कैंसर के रोकथाम के लिए कुछ नहीं किया। तंबाकू की वजह से होने वाले कैंसर कुल कैंसर मामलों का 27% है। इस मसले पर सभी तबके के लोगों को विशेष रुप से ध्यान देने की जरूरत है।


वहीं डॉ. प्रीतांजलि सिंह ने बताया कि करीब 90% कैंसर मरीजो का प्रसार केंद्र शहरी क्षेत्रों में हैं जबकि 70% मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। उन्होंने भारत में बढ़ते कैंसर रोगियों के आंकड़ों पर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि 42 लाख कैंसर मरीजो में लगभग 8 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। कैंसर देखभाल में अंतर को कम करने या बंद करने के लिए हर स्तर पर हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। कैंसर की रोकथाम और जागरूकता के लिए मीडिया की भूमिका बहुत ही अहम है। कार्यशाला में विभिन्न तरह के कैंसर के बारे में चर्चा हुई।
इस सत्र के बाद पर्यावरणीय जोखिम कारकों, संक्रमण, जीवन शैली के साथ-साथ कैंसर देखभाल और तंबाकू समाप्ति पर रिपोर्टिंग में चुनौतियों पर रिपोर्टिंग की चुनौतियों पर सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें कैंसर के उपचार, रोकथाम और निदान और उनकी रिपोर्ट करने से संबंधित प्रश्न शामिल थे। इस चर्चा ने कैंसर से बचने, नए उपचार, विपणन और कैंसर की कहानियों के वित्तीय निर्धारकों के महत्व पर भी जोर दिया।

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