विशेष रिपोर्ट-महाराष्ट्र सरकार की अनुमति के बिना कैसे जांच करेगी सीबीआई,सुप्रीम कोर्ट देगी निर्देश तभी संभव

पटना।(बन बिहारी)देश के बहुत चर्चित बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत मौत प्रकरण की सीबीआई जांच के लिए बिहार के नीतीश सरकार ने तो अनुशंसा कर दिया है।मगर संभवतः बगैर महाराष्ट्र सरकार के सहमति के सीबीआई इस मामले की जांच बगैर कोर्ट के आदेश के नहीं कर सकती हैं।उपलब्ध प्रावधानों के मुताबिक राज्य सरकार की इजाजत के बिना किसी राज्य में घटे मामले की जांच सीबीआई तभी कर सकती है।जब वह केंद्रीय मंत्रालय से जुड़ा मामला हो अथवा हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से उसे निर्देश मिला हो।ऐसे में कल सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का महत्व बहुत बढ़ गया है। कल अगर सुप्रीम कोर्ट सीबीआई जांच की सहमति प्रदान करते है।तो सीबीआई इस केस में आगे बढ़ेगी।अन्यथा सीबीआई को सुशांत सिंह राजपूत मौत प्रकरण की जांच करने के लिए नियमत: महाराष्ट्र सरकार से अनुमति लेनी होगी।इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि सीबीआई की स्थापना दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेब्लिशमेंट एक्ट- 1946 के ज़रिए हुई थी।इसके दायरे में दिल्ली और बाक़ी केंद्र शासित प्रदेश आते हैं लेकिन इस क़ानून के सेक्शन 6 के मुताबिक़, दूसरे किसी राज्य में कार्रवाई करने के लिए राज्य की लिखित इजाज़त लेना ज़रूरी होता है।

वरिष्ठ वकील गौतम अवस्थी बताते हैं कि लॉ एंड ऑर्डर राज्य के अंतर्गत आता है लेकिन सीबीआई अपने दिशानिर्देशों के हिसाब से केंद्र सरकार के विभागों या मंत्रालयों से संबंधित अपराधों के मामलों में दख़ल दे सकती है।जैसे कि 10 करोड़ से ऊपर के भ्रष्टाचार के मामले सीबीआई को ही जाते हैं।दूसरा, अगर राज्य ख़ुद किसी मामले में सीबीआई जांच की दरख़्वास्त दे तो सीबीआई जांच हो सकती है।तीसरा, अगर किसी मामले में हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया हो तो तब राज्य की इजाज़त का मसला नहीं होता।

गौतम अवस्थी कहते हैं, “राज्यों के सीबीआई को बैन करने के फ़ैसले के बाद भी जो मामले सीबीआई के दायरे में आते हैं, वहां बेशक सीबीआई अपना काम करती रहेगी।अगर केंद्र सरकार के किसी दफ्तर में कहीं भी, किसी भी राज्य में कोई अपराध हो रहा है तो केंद्र सरकार सीबीआई को अपनी शिकायत दे सकती है और सीबीआई को जांच करनी होगी। उसमें राज्य की इजाज़त की ज़रूरत नहीं होगी।”

संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य कहते हैं कि केंद्र-राज्य संबंध सिर्फ़ सीबीआई पर निर्भर नहीं करते हैं।वे कहते हैं, “केंद्र और राज्य के अधिकार स्पष्ट हैं।केंद्र चाहे तो संसद में सीबीआई को लेकर पुराने क़ानून में संशोधन कर सकता है लेकिन फ़िलहाल जो क़ानून है, वह कहता है कि सीबीआई को किसी भी राज्य में ऑपरेट करने के लिए उस राज्य की सरकार की इजाज़त लेनी पड़ती है।मौजूदा क़ानून में ये साफ़ है। बाकी राज्य भी ये कदम उठा सकते हैं”

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