साल का दूसरा चंद्रग्रहण शुक्रवार को, पहला खंडग्रास सूर्यग्रहण 21 को, चार राशियां होंगे प्रभावित

पटना। शुक्रवार को ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को वृश्चिक राशि व ज्येष्ठा नक्षत्र में इस वर्ष का दूसरा चंद्रग्रहण लगेगा। यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया ग्रहण होगा। इस ग्रहण में किसी भी प्रकार का सूतक नहीं लगेगा और नहीं इसके कोई प्रभाव होंगे। इस ग्रहण के दौरान चन्द्रमा की कांति धूसर सी मलिन होगी, इसीलिए इसे उपच्छाया की संज्ञा दी गई है। इसका कोई धर्मशास्त्रीय प्रभाव एवं प्रतिबंध नहीं होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत समेत यूरोप, एशिया, अफ्रीका और आॅस्ट्रेलिया महाद्वीप में दिखाई देगा। इस ग्रहण रात्रि 11:16 बजे से शुरू तथा मध्यरात्रि 02:34 बजे तक रहेगा। इस चंद्रग्रहण की कुल समयावधि 03 घंटा 18 मिनट की होगी। इसके अलावे आगामी 5 जुलाई को भी सदी का तीसरा चंद्रग्रहण लगेगा। लेकिन ये दोनों चंद्रग्रहण मांद्य ग्रहण है, इनका किसी भी राशि पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
21 को साल का पहला खंडग्रास सूर्य ग्रहण
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि आगामी आषाढ़ कृष्ण अमावस्या 21 जून रविवार को खंडग्रास सूर्य ग्रहण लग रहा है। इसे कंकाकृति, खंडग्रास और चूड़ामणि योग भी माना गया है। यह ग्रहण भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। इसके अलावे इस ग्रहण को एशिया, अफ्रिका एवं यूरोप में भी देखा जाएगा। यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र व मिथुन राशि में लगेगा तथा इसका मोक्ष आर्द्रा नक्षत्र में होगा क सार्वभौमिक परिदृश्य में ग्रहण काल आरंभ प्रात: 09:15 बजे से हो जाएगा। इस ग्रहण का स्पर्श बनारसी पंचांग से सुबह 10:31 बजे शुरू होकर दोपहर 02:04 बजे, वहीं मिथिला पंचांग के मुताबिक प्रात: 10:25 बजे से शुरू तथा 01:52 बजे समाप्त होगा। इस ग्रहण का मध्य काल दोपहर 12:18 बजे होगा।
दो से अधिक ग्रहण होते कष्टकारी
आचार्य झा ने वृहत संहिता के हवाले से बताया कि किसी भी मास में दो या उससे अधिक ग्रहण होना आम जनमानस के कष्टकारी होता है। यह ग्रहण आर्थिक मंदी, अति वृष्टि, राजनैतिक उथल-पुथल, महंगाई, विपदा, बेरोजगारी आदि लेकर आते हैं। इससे बचने के लिए स्नान, दान, धर्म, सूर्य उपासना, गायत्री मंत्र का जाप, आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ श्रेयस्कर रहेगा।
सूर्य ग्रहण में चार राशियां होंगे प्रभावित
वहीं मनमानस ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के निदेशक ज्योतिर्विद श्याम आचार्य रुपेश पाठक ने बताया कि 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण में चार राशियां प्रभावित होंगे। यह ग्रहण मिथुन, कर्क, वृश्चिक, मीन राशि के लिए अशुभ, वृष, तुला, कुंभ व धनु के लिए मध्यम तथा मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि के लिए शुभ होगा।
सूतक काल में ये होते हैं वर्जित
ज्योतिष गणना के अनुसार सूतक काल के समय को अशुभ माना गया है। इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कृत वर्जित होते है। सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले से तथा चंद्र ग्रहण में सूतक 9 घंटे पहले ही आरंभ हो जाता है और ग्रहण के खत्म होने के साथ इसका सूतक भी खत्म हो जाता है। सूतक काल में मंदिर में प्रवेश, श्रीविग्रह का स्पर्श, भोजन करना, यात्रा, दोदोहन, हलचालन, मैथुन आदि वर्जित है। इसके अलावा बच्चे के जन्म और किसी की मृत्यु पर भी सूतक काल प्रभावी होता है।

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