November 1, 2025

महिला रोजगार की राशि पूरी तरह निःशुल्क, राजद-कांग्रेस कर रही गलत प्रचार, चुनाव में जवाब मिलेगा: संजय झा

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच महिला रोजगार योजना को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। जनता दल यूनाइटेड के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने बेगूसराय के खोदावंदपुर में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं को दी जाने वाली 10 हजार रुपए की राशि पूरी तरह निःशुल्क है। उन्होंने कहा कि विपक्ष, विशेषकर राजद और कांग्रेस, इस योजना को लेकर गलत प्रचार कर रही है, जबकि वास्तविकता कुछ और है।
महिलाओं को 10 हजार रुपए निःशुल्क सहायता
संजय झा ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं ने यह अफवाह फैलाई है कि महिला रोजगार योजना के तहत मिलने वाली 10 हजार रुपए की राशि लोन है, जिसे बाद में वापस करना पड़ेगा। लेकिन ये पूरी तरह गलत दावा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह राशि महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और उन्हें स्व-रोजगार के लिए प्रेरित करने हेतु निःशुल्क दी है। इस राशि की वापसी का कोई सवाल नहीं उठता। उन्होंने यह भी कहा कि महिला रोजगार के बढ़ने के बाद भविष्य में महिलाओं को दो लाख रुपए तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी दी जाएगी, ताकि वे अपने व्यवसाय को और विस्तार दे सकें।
अब तक 1 करोड़ 41 लाख महिलाओं को लाभ
संजय झा ने बताया कि बिहार में कुल 2 करोड़ 72 लाख परिवार हैं, और सरकार की योजना है कि प्रत्येक परिवार की एक महिला को इस योजना का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि अब तक 1 करोड़ 41 लाख महिलाओं के खातों में यह राशि सीधे भेजी जा चुकी है। बची हुई महिलाओं को भी जल्द ही यह लाभ दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह योजना बिहार की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता पर जोर
अपने भाषण में संजय झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली और उपलब्धियों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले 20 वर्षों में बिहार की छवि बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में राज्य में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे का विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि आज बिहार के लोग जहां भी जाते हैं, उनका सम्मान बढ़ता है और यह सब नीतीश कुमार के प्रयासों का परिणाम है। संजय झा ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में भी नीतीश कुमार ही राज्य के मुख्यमंत्री होंगे।
अमित शाह का महागठबंधन पर हमला
इससे पहले दरभंगा में एक रैली के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी महागठबंधन पर तीखा हमला किया। उन्होंने दावा किया कि लालू यादव और सोनिया गांधी अपने-अपने बेटों को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनाना चाहती थीं। लेकिन दोनों पद पहले से ही भरे हुए हैं। शाह ने कहा कि भाजपा ने इस चुनाव में युवाओं को मौका दिया है जबकि राजद और कांग्रेस ने पारिवारिक राजनीति को ही आगे बढ़ाया है।
पीएफआई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेराबंदी
अमित शाह ने यह भी कहा कि यदि राजद-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आता है तो पीएफआई जैसे संगठन मजबूत हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए ने पीएफआई पर कार्रवाई की, जबकि महागठबंधन इसे कमजोर करने की कोशिश करेगा। शाह ने भ्रष्टाचार के मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि लालू यादव चारा और जमीन के बदले नौकरी घोटाले में शामिल थे, जबकि कांग्रेस सरकार 12 लाख करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार में फंसी रही।
इतिहास और विरासत को लेकर भी बयान
अमित शाह ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने पर कहा कि मोदी सरकार ने उनके सम्मान को बढ़ाया, लेकिन महागठबंधन उन्हें ‘जननायक’ की पहचान से वंचित करना चाहता है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का इतिहास यह दिखाता है कि वह ना तो बिहार के विकास के बारे में सोच सकता है और न ही समाज के कमजोर वर्गों का सम्मान कर सकता है। महिला रोजगार योजना और नेतृत्व के मुद्दे को लेकर एनडीए और महागठबंधन के बीच जुबानी जंग तेज़ हो चुकी है। एक तरफ एनडीए इस योजना को महिलाओं की ताकत और आत्मनिर्भरता से जोड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे चुनावी हथकंडा बता रहा है। चुनावी माहौल में आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी अधिक चर्चा का केंद्र बन सकता है।

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