October 28, 2025

आंध्र प्रदेश में प्राइवेट बस में लगी भीषण आग, 20 यात्री जिंदा जले, बढ़ेगी मृतकों की संख्या

कुर्नूल। आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले में शुक्रवार तड़के हुए एक भयावह सड़क हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही एक प्राइवेट बस में आग लगने से कम से कम 20 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है। यह हादसा राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (एनएच-44) पर चिन्नाटेकुर के पास हुआ।
हादसा कैसे हुआ
पुलिस और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे बस एक बाइक से टकरा गई। यह टक्कर इतनी तेज थी कि बाइक बस के नीचे फंस गई और उसका फ्यूल टैंक फट गया। फ्यूल के रिसाव से चिंगारी भड़की और कुछ ही सेकंड में बस आग के गोले में तब्दील हो गई। बस में करीब 40 यात्री सवार थे, जिनमें से अधिकांश सो रहे थे। अचानक उठी लपटों ने उन्हें भागने का मौका तक नहीं दिया।
कुछ यात्रियों ने कूदकर बचाई जान
घटनास्थल से मिली जानकारी के अनुसार, करीब 19 यात्रियों ने इमरजेंसी गेट तोड़कर किसी तरह बाहर कूदकर अपनी जान बचाई। हालांकि, इनमें से भी कई गंभीर रूप से झुलस गए हैं और उन्हें कुर्नूल सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस का कहना है कि कई शव पूरी तरह जल चुके हैं, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है।
ड्राइवर और क्लीनर लापता
हादसे के बाद से बस के ड्राइवर और क्लीनर का कोई पता नहीं चल सका है। पुलिस ने आशंका जताई है कि या तो दोनों मौके से भाग गए हैं या वे भी आग की चपेट में आ गए। कुर्नूल रेंज के डीआईजी कोया प्रवीण ने बताया कि बस में सवार कुल 40 में से 21 लोग बाल-बाल बच गए, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। अधिकांश मृतक 25 से 35 वर्ष की आयु वर्ग के हैं।
हादसे के वक्त बारिश और शॉर्ट सर्किट
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के वक्त उस इलाके में हल्की बारिश हो रही थी। बारिश और धुएं के कारण बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आईं। आग लगने के बाद बस के अंदर शॉर्ट सर्किट हो गया, जिससे मुख्य दरवाजा जाम हो गया और कई यात्री बाहर नहीं निकल पाए। स्थानीय लोगों ने बताया कि बस में धुआं फैलने के कारण कुछ ही मिनटों में यात्रियों का दम घुटने लगा।
प्रशासन की तत्परता और राहत कार्य
घटना की सूचना मिलते ही कुर्नूल पुलिस, फायर ब्रिगेड और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाने में कड़ी मशक्कत की। बस पूरी तरह जलकर राख हो चुकी थी। कुर्नूल की जिला कलेक्टर डॉ. ए. सिरी स्वयं घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए ताकि परिवार अपने प्रियजनों की जानकारी प्राप्त कर सकें।
हेल्पलाइन नंबर जारी
जिला प्रशासन की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर इस प्रकार हैं —
कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम: 08518-277305
सरकारी अस्पताल कुर्नूल: 9121101059
स्पॉट कंट्रोल रूम: 9121101061
कुर्नूल पुलिस कंट्रोल रूम: 9121101075
जीजीएच हेल्प डेस्क: 9494609814, 9052951010
इन नंबरों के माध्यम से मृतकों और घायलों के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
हादसे का भीषण दृश्य
हादसे के तुरंत बाद पीछे से आ रही गाड़ियों में सवार लोगों ने इस भीषण आग का वीडियो रिकॉर्ड किया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि पूरी बस आग की लपटों में घिरी हुई थी और आसमान में धुएं का गुबार छा गया था। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड टीम ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हृदयविदारक हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “कुर्नूल का हादसा अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं। ईश्वर घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें।” इसके अलावा कई केंद्रीय और राज्य नेताओं ने भी इस हादसे पर शोक जताया है और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
हादसे के पीछे लापरवाही के संकेत
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि बस में सुरक्षा इंतजाम पर्याप्त नहीं थे। कई यात्रियों ने दावा किया कि बस के अंदर अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) नहीं था। वहीं, आपातकालीन निकास द्वार भी समय पर नहीं खुला, जिससे स्थिति और भयावह हो गई। पुलिस अब बस मालिक और ऑपरेटर से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि क्या सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया गया था।
शोक और सवाल दोनों
कुर्नूल की यह दुर्घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा और यात्री सुरक्षा की लापरवाही का प्रतीक बन गई है। सवाल यह उठता है कि जब प्राइवेट बसों में रोजाना सैकड़ों यात्री यात्रा करते हैं, तो क्या प्रशासन और परिवहन विभाग उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठा रहे हैं? कुर्नूल की इस हृदयविदारक घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। 20 से अधिक निर्दोष लोगों की जान एक लापरवाही की भेंट चढ़ गई। मृतकों के परिवारों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है, जबकि घायल जीवन और मौत के बीच जूझ रहे हैं। प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमारी सड़कों और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में यात्रियों की सुरक्षा वास्तव में प्राथमिकता है या नहीं। आने वाले समय में ऐसे हादसों से बचने के लिए सख्त कदम उठाना बेहद जरूरी है, ताकि कोई और परिवार इस तरह के दर्द से न गुज़रे।

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