छठ महापर्व को लेकर पटना की ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव, नया प्लान लागू, कई मार्ग होंगे बंद
पटना। बिहार में दीपावली के बाद लोक आस्था का सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा नजदीक आते ही तैयारियां जोरों पर हैं। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा घाटों पर सूर्य उपासना के लिए पहुंचते हैं। भीड़ और यातायात को नियंत्रित रखने के लिए पटना ट्रैफिक पुलिस ने विशेष रूट प्लान जारी किया है, जो 27 और 28 अक्टूबर को प्रभावी रहेगा। इस दौरान कई मार्गों पर सामान्य वाहनों के परिचालन पर रोक रहेगी और केवल छठव्रतियों, आपातकालीन व प्रशासनिक वाहनों को ही अनुमति दी जाएगी।
दो चरणों में लागू रहेगा ट्रैफिक बदलाव
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, छठ पर्व के दौरान यातायात व्यवस्था दो चरणों में नियंत्रित की जाएगी। पहला चरण 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से शाम 7 बजे तक लागू रहेगा। इस अवधि में सड़कों पर अत्यधिक भीड़ की संभावना को देखते हुए कई मार्गों को बंद किया जाएगा। दूसरा चरण 28 अक्टूबर को सुबह 2 बजे से 8 बजे तक प्रभावी रहेगा, जब श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर पहुंचेंगे। इन दोनों चरणों के दौरान अशोक राजपथ और जेपी गंगा पथ (मरीन ड्राइव) पर सामान्य वाहनों का परिचालन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। केवल एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, शव वाहन, मरीज वाहन और छठव्रतियों के वाहनों को ही अनुमति दी जाएगी।
अशोक राजपथ पर सख्त निगरानी
अशोक राजपथ पर सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए सबसे सख्त व्यवस्था की गई है। कारगिल चौक से दीदारगंज तक किसी भी निजी या सामान्य वाहन का प्रवेश वर्जित रहेगा। केवल आपातकालीन या प्रशासनिक वाहन ही इस मार्ग से गुजर सकेंगे। छठव्रतियों के लिए विशेष व्यवस्था के तहत उन्हें खजांची रोड से प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जहां वे अपने वाहनों को पटना कॉलेज और साइंस कॉलेज परिसर में पार्क कर सकेंगे। इसके अलावा, कारगिल चौक से शाहपुर की दिशा में जाने वाले छठव्रतियों के वाहनों को सामान्य रूप से चलने की अनुमति दी जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को घाट तक पहुंचने में सुविधा हो।
दीघा और जेपी गंगा पथ पर पाबंदी
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, 27 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से शाम 6:30 बजे तक और 28 अक्टूबर को सुबह 3 बजे से 6 बजे तक दीघा मोड़ से आशियाना मोड़ के बीच उत्तर से दक्षिण दिशा में यातायात बंद रहेगा। इस दौरान रामजीचक मोड़ से आने वाले वाहन नहर रोड होते हुए नेहरू पथ की ओर भेजे जाएंगे। जेपी गंगा पथ (मरीन ड्राइव) पर दीघा गोलंबर से दीदारगंज तक दोनों लेन में वाहनों का परिचालन और पार्किंग पूरी तरह बंद रहेगी। किसी भी वाहन को यू-टर्न लेने या प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दीघा की ओर आने वाले वाहनों को एलसीटी अंडरपास से निकासी दी जाएगी।
घाटों के पास पार्किंग और वैकल्पिक मार्ग
गायघाट जाने वाले छठव्रतियों के वाहनों को कंगन घाट, चौक थाना मोड़, सिटी स्कूल और मंगल तालाब परिसर में पार्क करने की व्यवस्था की गई है। यहां से श्रद्धालु पैदल घाट तक पहुंच सकेंगे। वहीं पुराने बाइपास या न्यू बाइपास से आने वाले वाहनों को धनकी मोड़, शीतला माता मंदिर और बिस्कोमान गोलंबर होते हुए हथिया बागान, लोहा गोदाम और मेडाज हॉस्पिटल के पास पार्क कराया जाएगा। चौक शिकारपुर आरओबी से पूरब जाने वाले वाहनों के लिए पार्किंग गुरु गोविंद सिंह आरओबी के नीचे और पटना साहिब स्टेशन के पास निर्धारित की गई है। इसी तरह, जेपी सेतु के पूर्वी घाट और गेट-93 घाट की ओर जाने वाले वाहनों के लिए रेलवे ब्रिज के पूरब निर्धारित पार्किंग स्थल तय किए गए हैं। कुर्जी और बांस घाट की ओर जाने वाले वाहनों के लिए विशेष ट्रैफिक व्यवस्था के तहत कुर्जी मोड़ से आने वाले वाहन अंडरपास मार्ग से उत्तर दिशा में बने पार्किंग स्थल तक जाएंगे।
भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक
27 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से शाम 7:30 बजे तक और 28 अक्टूबर को सुबह 3 बजे से 6 बजे तक जेपी गंगा सेतु पर पटना की ओर ट्रैफिक पूरी तरह बंद रहेगा। बस, ट्रक, हाईवा और अन्य भारी वाहनों का इस पुल पर प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। प्रशासन ने ऐसे वाहनों के चालकों से अपील की है कि वे सोनपुर या हाजीपुर की ओर जाने के लिए महात्मा गांधी सेतु का उपयोग करें।
सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा पर प्रशासन का जोर
पटना ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। घाटों और मुख्य मार्गों पर पुलिस बल, यातायात कर्मी और स्वयंसेवक तैनात रहेंगे। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे जारी निर्देशों का पालन करें, अनावश्यक रूप से वाहन लेकर घाटों की ओर न जाएं और जहां संभव हो, पैदल या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। छठ महापर्व के अवसर पर पटना की सड़कों पर लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था चुनौतीपूर्ण हो जाती है। प्रशासन द्वारा जारी यह नया रूट प्लान न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि यातायात को सुचारु बनाए रखने में भी सहायक होगा। यदि नागरिक प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, तो यह महापर्व शांति, सुरक्षा और सौहार्द के वातावरण में सफलतापूर्वक संपन्न होगा।


