बेगूसराय में पिकअप ने ट्रक में पीछे से मारी जोरदार टक्कर, 3 लोगों की दर्दनाक मौत चार घायल
बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय जिले में बुधवार की सुबह एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के शिवचंद्रपुर ढाला के पास एनएच-31 फोरलेन पर हुआ। बताया जा रहा है कि सामान से लदी एक पिकअप वैन ने सड़क किनारे खड़े ट्रक में पीछे से जबरदस्त टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि पिकअप का आधा हिस्सा ट्रक के अंदर घुस गया। इस हादसे ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर दिया बल्कि सड़क सुरक्षा और वाहन चालकों की लापरवाही पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हादसे की भयावह तस्वीर
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बुधवार तड़के करीब चार बजे यह हादसा हुआ। पिकअप तेज रफ्तार में थी और ड्राइवर संभवतः झपकी ले बैठा या उसे सामने खड़े ट्रक का अंदाजा नहीं लग पाया। ट्रक सड़क किनारे पार्क था और पिकअप सीधे उसमें जा घुसी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि गाड़ी का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया। पिकअप के केबिन में बैठे तीन लोग बुरी तरह फंस गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने जब तेज धमाका सुना तो घटनास्थल की ओर दौड़े। वहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि पिकअप के अंदर तीनों लोगों के शव फंसे हुए हैं और वाहन के लोहे के टुकड़े चारों ओर बिखरे पड़े हैं।
मृतकों की पहचान और उनका पेशा
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मृतकों की पहचान भागलपुर जिले के बीरबन्ना गांव के रहने वाले मोहम्मद तनवीर (18 वर्ष), मोहम्मद कमाल (45 वर्ष) और मोहम्मद नवाब (20 वर्ष) के रूप में की। सभी आपस में रिश्तेदार थे और बोरिंग का काम करते थे। वे पिछले एक सप्ताह से बनारस में बोरिंग का काम कर रहे थे और काम पूरा होने के बाद अपने घर लौट रहे थे। पिकअप में उनका सामान भी लदा हुआ था। रास्ते में जैसे ही वे शिवचंद्रपुर ढाला के पास पहुंचे, अचानक यह हादसा हो गया।
पिकअप का स्पीड बना मौत का कारण
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हादसे के समय पिकअप की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा थी। इतनी तेज रफ्तार में चल रही गाड़ी को ड्राइवर संभाल नहीं पाया। सड़क किनारे ट्रक खड़ा था, जिसके पीछे कोई रिफ्लेक्टर या चेतावनी संकेत नहीं लगाए गए थे। परिणामस्वरूप, ड्राइवर को ट्रक का पता नहीं चला और उसने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे की तीव्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिकअप ट्रक में करीब आधा अंदर तक धंस गई थी।
पुलिस और राहत कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही साहेबपुर कमाल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने क्रेन की मदद से पिकअप को अलग कराया और गैस कटर की सहायता से शवों को बाहर निकाला। यह काम काफी मुश्किल था क्योंकि वाहन का अगला हिस्सा पूरी तरह मलबे में तब्दील हो चुका था। पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष सिंटू कुमार ने बताया कि हादसे की जानकारी सुबह करीब 4:30 बजे मिली थी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए परिजनों को सूचना दी और शवों को कब्जे में लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू की।
ट्रक ड्राइवर फरार, जांच में जुटी पुलिस
हादसे के बाद ट्रक का ड्राइवर मौके से फरार हो गया। पुलिस उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान यह भी पता लगाया जा रहा है कि ट्रक सड़क किनारे किस वजह से खड़ा था और क्या उसमें कोई चेतावनी संकेत लगाया गया था या नहीं। यदि सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया होगा, तो ट्रक मालिक और ड्राइवर दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
मृतकों के घरों में मातम पसरा हुआ है। जैसे ही घटना की सूचना बीरबन्ना गांव पहुंची, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। मृतक मोहम्मद कमाल के भाई मोहम्मद मौजी ने बताया कि उनका परिवार बोरिंग का काम करता है और कई बार उन्हें लंबे सफर करने पड़ते हैं। उन्होंने कहा, “बनारस से कहलगांव लौटते वक्त हादसा हुआ। गाड़ी में सामान लदा हुआ था और सभी बेहद थके हुए थे। सुबह चार बजे हादसा हुआ, हमें साढ़े चार बजे पुलिस से फोन आया।”
घायल यात्रियों की स्थिति
इस हादसे में चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें मो. छोटू, गुलफरास, राशिद और गुलफराज शामिल हैं। सभी को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, दो की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। पुलिस उनके बयान के आधार पर यह जानने की कोशिश कर रही है कि हादसे के समय गाड़ी कौन चला रहा था और क्या चालक शराब के नशे में था या थकान के कारण झपकी ले बैठा था।
सड़क सुरक्षा पर फिर उठा सवाल
यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि बिहार में राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की निगरानी और सड़क सुरक्षा व्यवस्था कितनी कमजोर है। एनएच-31 फोरलेन होने के बावजूद यहां अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। सड़क किनारे ट्रक खड़े करना आम बात है, लेकिन उनमें रिफ्लेक्टर या चेतावनी बोर्ड न होना हादसों की बड़ी वजह बन रहा है। साथ ही, तेज रफ्तार और रात के समय ड्राइविंग में सतर्कता की कमी भी ऐसे हादसों का कारण बनती है। बेगूसराय का यह हादसा केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा के प्रति लापरवाही की एक दुखद मिसाल है। तीन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया, जबकि चार लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। यह घटना बताती है कि रफ्तार की गलती और थोड़ी सी असावधानी कितनी भारी पड़ सकती है। अब यह जिम्मेदारी प्रशासन और परिवहन विभाग की है कि वे इस हादसे से सबक लेकर ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाएं। सड़क पर खड़े वाहनों के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं और रात में रिफ्लेक्टर या चेतावनी लाइट लगाना अनिवार्य बनाया जाए। तभी शायद ऐसी दर्दनाक घटनाओं को टाला जा सकेगा।


