प्रदेश में मौसम की करवट से सर्दी का एहसास, नवंबर में पड़ेगी कड़ाके की ठंड, अलर्ट जारी
पटना। बिहार में मौसम ने अब करवट लेना शुरू कर दिया है। लंबे समय से चल रही गर्माहट और उमस भरे वातावरण के बाद अब हवा में ठंडक महसूस की जाने लगी है। सुबह और शाम के समय हल्की सिहरन लोगों को यह एहसास कराने लगी है कि अब सर्दी के दिन दूर नहीं हैं। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के विभिन्न जिलों में तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और आने वाले दिनों में ठंड का असर और अधिक बढ़ने की संभावना है।
तापमान में लगातार गिरावट
राजधानी पटना सहित गया, मुजफ्फरपुर, किशनगंज, पश्चिम चंपारण, कैमूर और जमुई जैसे जिलों में रात के तापमान में लगातार कमी आ रही है। मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में बिहार के विभिन्न हिस्सों में न्यूनतम तापमान में 2.6 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। कई जिलों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है, जबकि अधिकतर इलाकों में यह 20 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है।
सुबह-शाम में ठंड और ओस का असर
सुबह-सवेरे बिहार के कई हिस्सों में ओस की बूंदें और हल्का कोहरा दिखाई देने लगा है, जो सर्दी की दस्तक का स्पष्ट संकेत है। खेतों और सड़कों के किनारे पत्तियों पर जमी नमी ने मौसम में ताजगी और ठंडक घोल दी है। वहीं, शाम होते ही हवा में ठंडक बढ़ जाती है, जिससे लोगों ने हल्के गर्म कपड़े पहनना शुरू कर दिया है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह मौसम बदलाव धीरे-धीरे महसूस किया जाने लगा है।
दिन में धूप पर भी दिखा असर
जहां कुछ दिन पहले तक दिन में तीखी धूप लोगों को परेशान कर रही थी, वहीं अब धूप में भी नरमी महसूस हो रही है। आसमान में हल्के बादल और मंद गति की हवाएं मौसम को और सुहावना बना रही हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि आने वाले दिनों में दिन का अधिकतम तापमान 28 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जबकि रात का न्यूनतम तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है।
हवाओं की रफ्तार और मौसम का मिजाज
मौसम विभाग के अनुसार, बिहार में अगले कुछ दिनों तक उत्तर-पश्चिम दिशा से चलने वाली हवाओं की गति 30 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इन हवाओं के प्रभाव से राज्य के विभिन्न हिस्सों में ठंड का असर और बढ़ेगा। हालांकि, बारिश की कोई संभावना नहीं है, जिससे खेतों में नमी बनी रहेगी और फसलों पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।
नवंबर में बढ़ेगी ठंड की तीव्रता
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि नवंबर की शुरुआत से ही बिहार में ठंड तेज़ी से बढ़ने लगेगी। नवंबर के मध्य तक पूरे राज्य में सर्दी का असर स्पष्ट रूप से महसूस किया जाएगा। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बार बिहार में पिछले सालों की तुलना में ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है। खासकर दिसंबर और जनवरी के महीने में कड़ाके की ठंड देखने को मिल सकती है, जो लोगों को हाड़ कंपा देने वाली सर्दी का अनुभव कराएगी।
मौसम परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव
मौसम के इस बदलाव का असर कृषि पर भी पड़ने वाला है। खेतों में इस समय रबी फसलों की तैयारी चल रही है, और तापमान में गिरावट किसानों के लिए राहत की खबर लेकर आई है। गेहूं और सरसों जैसी फसलों के लिए यह मौसम अनुकूल माना जाता है। हालांकि, अगर नवंबर के अंत तक तापमान बहुत तेजी से गिरा तो कुछ क्षेत्रों में ठंढ और पाला का असर भी देखने को मिल सकता है, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका रहेगी।
स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता
ठंड की शुरुआत के साथ ही स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मौसम के इस बदलाव के दौरान सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार जैसी बीमारियों से बचाव जरूरी है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को सुबह-शाम बाहर निकलते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इसके साथ ही गर्म पेय पदार्थों का सेवन और पर्याप्त कपड़ों का उपयोग स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आवश्यक है। मौसम की यह करवट बिहार में सर्दी के आगमन की घोषणा कर रही है। रात के घटते तापमान, सुबह की ओस और हवा की ठंडक यह संकेत दे रही है कि अब लोगों को गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस होगी। नवंबर से ठंड का प्रभाव और गहराएगा तथा दिसंबर-जनवरी में इसका तीखा रूप देखने को मिलेगा। ऐसे में प्रशासन और नागरिकों दोनों को पहले से तैयारी करनी होगी ताकि बदलते मौसम में सेहत और जीवन दोनों सुरक्षित रह सकें। यह बदलाव जहां किसानों के लिए लाभदायक है, वहीं आमजन के लिए सावधानी और सतर्कता का समय भी लेकर आया है।


