October 28, 2025

बिहार चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी करेगी जन सुराज, कई चेहरों को मिलेगा टिकट

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने अपनी राजनीतिक गतिविधियों को और गति दे दी है। सोमवार को पार्टी अपनी दूसरी उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी। यह सूची सुबह 11.30 बजे सार्वजनिक की जाएगी। बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में 100 से अधिक उम्मीदवारों के नाम शामिल होंगे। इस घोषणा से बिहार की राजनीतिक सरगर्मी और भी बढ़ गई है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और निर्णय
रविवार को जनसुराज की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें दूसरी सूची को अंतिम रूप दिया गया। बैठक दोपहर दो बजे से शुरू हुई और इसमें बिहार की विभिन्न विधानसभा सीटों के संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई। प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि दूसरी लिस्ट तैयार करने का मानदंड वही रहेगा जो पहली लिस्ट के लिए अपनाया गया था। पार्टी के मुताबिक, उम्मीदवारों का चयन उनके जनसंपर्क, सामाजिक कार्य और स्थानीय लोकप्रियता को ध्यान में रखकर किया गया है।
पहली लिस्ट में विविधता और नए चेहरे
जनसुराज ने इससे पहले 9 अक्टूबर को अपनी पहली उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें 51 उम्मीदवारों के नाम थे। इस सूची में डॉक्टर, वकील, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और यहां तक कि किन्नर समुदाय से भी उम्मीदवारों को शामिल किया गया था। इस कदम को बिहार की राजनीति में एक नया प्रयोग माना गया। पहली लिस्ट में समस्तीपुर की मोरवा विधानसभा सीट से कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति ठाकुर को उम्मीदवार बनाया गया था। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह को अस्थावां से टिकट मिला। गोपालगंज से प्रीति किन्नर को उतारकर जनसुराज ने समाज के हाशिए पर खड़े वर्गों को भी प्रतिनिधित्व दिया।
जातीय संतुलन और सामाजिक प्रतिनिधित्व
जनसुराज की पहली सूची जातीय संतुलन को ध्यान में रखकर तैयार की गई थी। इसमें सबसे अधिक 17 उम्मीदवार अत्यंत पिछड़ा वर्ग से थे। इसके अलावा अनुसूचित जाति/जनजाति से 7, पिछड़ा वर्ग से 11, अल्पसंख्यक समुदाय से 9 और सामान्य वर्ग से 7 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया था। यह रणनीति बिहार की सामाजिक संरचना और राजनीतिक समीकरणों को संतुलित रखने का प्रयास दिखाती है।
पहली सूची के उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि
पहली लिस्ट में शामिल 51 उम्मीदवारों में से 49 उम्मीदवार पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। यह जनसुराज की राजनीति में नए चेहरों को आगे लाने की नीति को दर्शाता है। केवल दो उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने पहले चुनाव लड़ा है। इनमें दो बार विधायक रह चुके किशोर कुमार मुन्ना और बसपा के टिकट पर लौरिया से चुनाव लड़ चुके सुनील कुमार कुशवाहा शामिल हैं। इसके अलावा लगभग 25 उम्मीदवार ऐसे हैं जो पंचायत स्तर पर निर्वाचित प्रतिनिधि रहे हैं। इनमें 16 मुखिया या पैक्स अध्यक्ष, 2 प्रखंड प्रमुख, 4 जिला परिषद सदस्य, 1 मेयर और 2 डिप्टी मेयर शामिल हैं। इसका मतलब है कि जनसुराज ने 49 प्रतिशत उम्मीदवारों को ऐसे लोगों में से चुना है जिनके पास स्थानीय प्रशासनिक अनुभव है।
उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया
प्रशांत किशोर ने कहा है कि पार्टी उम्मीदवारों का चयन पारदर्शी प्रक्रिया से कर रही है। जिन लोगों को टिकट नहीं दिया जाएगा, उनके लिए पार्टी में अन्य जिम्मेदारियां तय की जाएंगी। इससे यह संकेत मिलता है कि जनसुराज संगठनात्मक विस्तार और जमीनी मजबूती दोनों पर ध्यान दे रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने यह भी कहा कि पार्टी प्रतिदिन नई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करती रहेगी, ताकि सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनावी तैयारी पूरी हो सके।
प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति
प्रशांत किशोर ने 11 अक्टूबर से राघोपुर से चुनाव अभियान की शुरुआत की थी। यह वही सीट है जहां से पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव चुनाव लड़ते हैं। इस कदम को प्रतीकात्मक रूप से देखा जा रहा है, क्योंकि यह जनसुराज की चुनौती को सीधे राजद के प्रभाव क्षेत्र में दर्शाता है। पहली लिस्ट में जनसुराज ने 38 में से 26 जिलों को कवर किया था। यानी, 51 उम्मीदवारों के माध्यम से बिहार के लगभग 70 प्रतिशत भू-भाग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई गई। यह बताता है कि जनसुराज बिहार की सभी सामाजिक और राजनीतिक परतों को साधने की कोशिश में है। जनसुराज की दूसरी सूची का जारी होना बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ लाने वाला साबित हो सकता है। प्रशांत किशोर का यह प्रयोग राज्य की पारंपरिक राजनीति से अलग एक नई दिशा की ओर इशारा करता है। पार्टी नए चेहरों, सामाजिक संतुलन और पारदर्शिता को प्राथमिकता देकर यह संदेश दे रही है कि वह बदलाव की राजनीति करना चाहती है। अब देखना यह होगा कि जनता इस नई पहल को कितनी स्वीकार्यता देती है और क्या जनसुराज आने वाले चुनावों में अपनी पहचान स्थापित कर पाता है या नहीं।

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