October 29, 2025

नवरात्रि के पहले दिन पटन देवी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं के भीड़, मंदिर में लगी लंबी लाइन, प्रशासन के पुख्ता इंतजाम

पटना। शारदीय नवरात्र की शुरुआत सोमवार से हो गई है और इसके पहले ही दिन पटना का ऐतिहासिक पटन देवी मंदिर श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भर गया। सुबह से ही यहां माता की पूजा-अर्चना के लिए लंबी कतारें लग गईं और मंदिर परिसर पूरी तरह भक्तिमय माहौल में डूब गया। इस दौरान प्रशासन ने भी भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम किए हैं ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो।
नवरात्र की शुरुआत और विशेषता
इस साल शारदीय नवरात्र 10 दिनों का होगा, जो एक विशेष संयोग है। सामान्यतः नवरात्र 9 दिनों का होता है, लेकिन इस बार आश्विन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ने की वजह से दुर्गा की उपासना 10 दिन तक चलेगी। इसके चलते मंदिरों और घरों में पूजा-पाठ का माहौल और भी लंबा हो गया है। नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है और कलश स्थापना की जाती है।
पटन देवी मंदिर में उमड़ी भीड़
पटना का प्रसिद्ध बड़ी पटन देवी मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। नवरात्रि के पहले दिन यहां सुबह से ही श्रद्धालु उमड़ने लगे और भीड़ लगातार बढ़ती चली गई। मंदिर मार्ग को सुंदर फूलों और तोरण से सजाया गया है। भक्तों की लाइन मंदिर के बाहर तक फैली रही। यहां माता के दर्शन करने का महत्व विशेष है क्योंकि यह स्थान देवी सती के शक्ति स्थलों में गिना जाता है।
पटन देवी मंदिर का महत्व
ऐतिहासिक मान्यता के अनुसार, इस शक्तिपीठ पर देवी सती की दाहिनी जंघा गिरी थी। मंदिर परिसर में काले पत्थर से बनी महालक्ष्मी, महासरस्वती और महाकाली की प्राचीन मूर्तियां स्थापित हैं, जिन्हें सतयुग का माना जाता है। यहां स्थित योनी हवन कुंड की मान्यता है कि यह पाताल लोक से जुड़ता है और इसमें डाली गई सामग्री सीधा पाताल लोक तक पहुंचती है। यही वजह है कि इस मंदिर को रक्षा का प्रतीक माना जाता है और इसे ‘रक्षिका भगवती पटनेश्वरी’ भी कहा जाता है।
धार्मिक मान्यताएं और भगवान का आगमन
इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर माना गया है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, हाथी पर आगमन सुख, समृद्धि और उन्नति का संदेश देता है। सूर्य सिद्धांतीय पंचांग के अनुसार भी यह संयोग अत्यंत शुभ है। भक्तों का विश्वास है कि इस बार नवरात्र का पर्व और भी मंगलकारी होगा।
नवरात्रि के नौ रूपों की पूजा
पूरे नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है।
पहले दिन माता शैलपुत्री
दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी
तीसरे दिन चंद्रघंटा
चौथे दिन कुष्मांडा
पांचवें दिन स्कंदमाता
छठे दिन कात्यायनी
सातवें दिन कालरात्रि
आठवें दिन महागौरी
नौवें दिन सिद्धिदात्री
इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ने से माता कुष्मांडा की पूजा दो बार की जाएगी।
आयोजन और पूजा विधि
पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही दुर्गा सप्तशती, रामचरितमानस, सुंदरकांड, दुर्गा सहस्त्र नाम और सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ शुरू हो गया है। श्रद्धालु घरों और पंडालों दोनों जगह देवी की उपासना कर रहे हैं। 2016 के बाद यह पहला अवसर है जब नवरात्रि 10 दिनों का होगा।
प्रशासन के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग लगाई गई है और श्रद्धालुओं की कतार को व्यवस्थित करने के लिए वॉलंटियर्स लगाए गए हैं। साथ ही, पुलिसबल और महिला पुलिस की तैनाती भी की गई है। भीड़ नियंत्रित करने और भक्तों को आसानी से दर्शन कराने के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास मार्ग बनाए गए हैं।
श्रद्धालुओं का उमंग
पहले दिन से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिहार ही नहीं, अन्य राज्यों से भी पटन देवी मंदिर पहुंचे। हर कोई माता के दरबार में मत्था टेकने और नवरात्रि के शुभारंभ का हिस्सा बनने को उत्सुक था। भक्तों का कहना है कि इस मंदिर में आकर उन्हें अद्भुत शांति और ऊर्जा मिलती है। शारदीय नवरात्र का पहला दिन पूरे उत्साह और आस्था के साथ शुरू हो चुका है। पटना का पटन देवी मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है और यहां की मान्यताएं श्रद्धालुओं को खींच लाती हैं। इस बार 10 दिनों तक चलने वाला नवरात्र श्रद्धालुओं के लिए और भी खास है। भक्तों की भीड़, प्रशासनिक तैयारियां और धार्मिक माहौल ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक और भक्ति से सराबोर कर दिया है। मां दुर्गा के दिव्य स्वरूपों की उपासना से भक्त भविष्य के लिए शुभ और मंगल की कामना कर रहे हैं।

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