September 6, 2025

विधानसभा में 5.5 लाख मतदान कर्मी संभालेंगे चुनाव की जिम्मेदारी, हर बूथ पर होंगे तीन पोलिंग अफसर

पटना। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इस बार चुनाव प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए लगभग 5.5 लाख मतदान कर्मियों की तैनाती की जाएगी। इन्हें राज्यभर में बनाए जा रहे 90 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर विभिन्न जिम्मेदारियों के तहत लगाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, हर मतदान केंद्र पर एक पीठासीन पदाधिकारी और तीन पोलिंग अफसर तैनात रहेंगे। इसके अलावा माइक्रो ऑब्जर्वर, सेक्टर मजिस्ट्रेट और रिजर्व कर्मियों की व्यवस्था भी की गई है ताकि किसी प्रकार की प्रशासनिक या तकनीकी समस्या उत्पन्न होने पर तुरंत समाधान हो सके।
मतदान केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी
पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में तकरीबन 78 हजार मतदान केंद्र बनाए गए थे। लेकिन इस बार निर्वाचन आयोग ने प्रति मतदान केंद्र अधिकतम 1200 मतदाता तय करने का निर्णय लिया है। इसी कारण से मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर अनुमानतः 90,712 तक पहुंच जाएगी। संख्या बढ़ने के साथ ही स्वाभाविक रूप से अधिक कार्मिकों की आवश्यकता सामने आई है।
प्रशिक्षण तीन चरणों में
चुनाव की औपचारिक घोषणा होते ही कर्मियों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाएगा। प्रशिक्षकों की तैयारी भी अलग से की जा रही है। जिला स्तर पर तैयार होने वाली सूची को देखते हुए, सितंबर के अंत तक सभी कार्मिकों का डाटाबेस तैयार करने की योजना है। मतदान कर्मियों को तीन चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें उन्हें ईवीएम और वीवीपैट मशीन के संचालन, वोटिंग से जुड़ी कानूनी व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं से लेकर मतदाता पर्चियों तथा अन्य पत्रों के संधारण तक की बारीकियां सिखाई जाएंगी। इस प्रशिक्षण के लिए राज्य मुख्यालय स्तर पर प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर की सेवाएं ली जाएंगी।
डाटा बेस और रैंडमाइजेशन प्रक्रिया
मतदान कार्य में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी कार्मिकों का डाटा कंप्यूटर में तैयार किया जाएगा और उनकी तैनाती रैंडमाइजेशन प्रक्रिया के जरिए की जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी ताकि किसी भी स्तर पर पक्षपात या मानवीय गलती की संभावना न रहे। इसके लिए राज्य और केंद्र, दोनों सरकारों के सभी विभागों से आवश्यक कर्मचारी बुलाए जा रहे हैं। जिला निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से सरकारी कार्यालयों और इकाइयों के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों से कार्मिकों की सूची तलब की जा चुकी है। इन्हीं सूचियों के आधार पर अंतिम तैनाती की योजना बनेगी।
कानून-व्यवस्था को लेकर सख्ती
चुनाव के दौरान शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बल और बिहार पुलिस की अलग से तैनाती की जाएगी। राज्य पुलिस मुख्यालय ने केंद्रीय बल की आवश्यकता का आकलन कर गृह मंत्रालय को औपचारिक अनुशंसा भेज दी है। पिछले कई चुनावों की तरह इस बार भी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे।
रिजर्व कर्मियों का प्रावधान
निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि बड़ी संख्या में कर्मियों को रिजर्व में रखा जाएगा। इनका उपयोग तब होगा जब किसी मतदान केंद्र पर अचानक कर्मियों की अनुपस्थिति हो जाए अथवा तकनीकी आवश्यकताओं के चलते अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत पड़े।
पारदर्शिता और निष्पक्षता की तैयारी
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि इस बार तैयारी पहले से अधिक सख्त और व्यवस्थित होगी। मतदान प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने और मतदाताओं को बेहतर सुविधा देने के लिए बढ़ी हुई संख्या में मतदान केंद्रों और प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती की जा रही है। राज्य निर्वाचन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “इस बार हमारा प्रयास यह है कि प्रत्येक मतदाता बिना किसी कठिनाई के मतदान कर सके और हर चरण में पारदर्शिता बनी रहे। इसके लिए आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित मानव संसाधन दोनों का उपयोग किया जा रहा है।” संक्षेप में कहा जाए तो, 5.5 लाख से अधिक कर्मियों की भागीदारी के साथ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 बड़े पैमाने पर आयोजित होने जा रहा है। मतदान केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी, कार्मिकों का तीन चरणों वाला प्रशिक्षण और कानून-व्यवस्था की पुख्ता तैयारियां बताती हैं कि आयोग निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है।

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