विधानसभा शुरू होते ही सदन में विपक्ष का जोरदार हंगामा, काली पट्टी लगाकर पहुंचे विधायक, सदन स्थगित

पटना। बिहार विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार को हुई, लेकिन पहले ही दिन सदन में विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा खड़ा कर दिया। विपक्षी विधायक काली पट्टी लगाकर सदन पहुंचे और नारेबाजी करते हुए सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। विपक्ष का यह विरोध प्रदर्शन बिहार की कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, पलायन और स्वास्थ्य विभाग में घोटालों को लेकर था।
विधानसभा अध्यक्ष का तीखा रुख
सत्र शुरू होते ही जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ हुई, विपक्षी विधायकों ने जोरदार शोर-शराबा करना शुरू कर दिया। उन्होंने सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न करते हुए नारेबाजी की, जिससे विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव नाराज हो गए। उन्होंने विपक्षी विधायकों को बैठने और सदन की गरिमा बनाए रखने का निर्देश दिया, लेकिन विधायकों ने उनकी बात नहीं मानी। अध्यक्ष ने राजद विधायक भाई वीरेंद्र और सत्यदेव राम को फटकार लगाई और कहा कि यह सदन की कार्य प्रणाली के अनुरूप आचरण नहीं है।
विपक्ष की मांगें और नाराजगी
विपक्ष का आरोप है कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। उन्होंने “बिहार में गुंडाराज” जैसे नारे लगाकर सरकार पर हमला बोला। विपक्षी दलों का कहना है कि राज्य में पलायन, बेरोजगारी और अपराध की दर बढ़ती जा रही है, लेकिन सरकार इन मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दे रही। कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने कहा कि जब जनता बुनियादी समस्याओं से त्रस्त है तो ऐसे में सदन के संचालन का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ बजट पास कराना चाहती है, न कि जनता के सवालों का जवाब देना।
सदन परिसर में प्रदर्शन और रणनीति
सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्षी विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर सरकार विरोधी नारे लगाए। यह प्रदर्शन सरकार की नीतियों के खिलाफ था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने स्पष्ट रूप से दो मांगें रखी थीं — पहली, कानून व्यवस्था पर चर्चा और दूसरी, एसआईआर के सवालों पर जवाब। लेकिन सरकार ने इन मांगों को नजरअंदाज कर दिया, जिसके कारण विपक्ष ने निर्णय लिया कि वे सदन नहीं चलने देंगे।
नकली दवा कांड में मंत्री के इस्तीफे की मांग
विपक्ष ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े नकली दवा घोटाले को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री जीवेश मिश्रा के इस्तीफे की मांग की। विपक्ष का कहना है कि राज्य की जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है और ऐसे में मंत्री की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। यदि सरकार दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती है तो विपक्ष आंदोलन को और तेज करेगा।
सत्र के पहले दिन की समाप्ति
कार्यवाही के दौरान सरकार की ओर से 57 हजार 946 करोड़ रुपये का पहला अनुपूरक बजट सदन में पेश किया गया। इसके बाद दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि यह सत्र आगामी विधानसभा चुनाव से पहले का अंतिम सत्र है, जो 25 जुलाई तक चलेगा। बिहार विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत ही राजनीतिक टकराव और हंगामे के साथ हुई है। विपक्ष सरकार को विभिन्न जनहित मुद्दों पर घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है। यह स्पष्ट है कि आगामी दिनों में सदन का माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो सकता है, जिससे यह सत्र पूरी तरह राजनीतिक गर्मी से भरपूर रहेगा।
