पटना में तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, पानी खतरे के निशान से ऊपर, कई घाटों पर प्रशासन अलर्ट

पटना। पटना में गंगा नदी का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिससे राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ की गंभीर आशंका उत्पन्न हो गई है। मानसून की भारी बारिश के चलते न केवल गंगा, बल्कि सोन, पुनपुन और गंडक जैसी सहायक नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने हालात को गंभीर मानते हुए आवश्यक तैयारी शुरू कर दी है।
गांधी घाट पर जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया है। यह घाट पटना का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है, जहां नियमित रूप से श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। जलस्तर बढ़ने से घाट का बड़ा हिस्सा पानी में डूब चुका है। इसी प्रकार दीघा घाट, दानापुर घाट और मनेर घाट पर भी जलस्तर खतरे के बेहद करीब पहुंच चुका है। इन क्षेत्रों में पानी के कारण आम जनजीवन प्रभावित होने की संभावना बढ़ गई है।
प्रशासन पूरी तरह अलर्ट
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पटना जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर द्वारा जारी ताजा बुलेटिन में बताया गया है कि जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है और कई घाटों पर यह चेतावनी व खतरे के निशान को पार कर चुका है। प्रशासन ने तटवर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी है और लोगों से नदी के किनारे जाने से परहेज करने की अपील की है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती
संभावित बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें तैनात कर दी गई हैं। ये टीमें पूरी तरह अलर्ट पर हैं और जरूरत पड़ने पर राहत और बचाव कार्य के लिए तत्पर रहेंगी। खासकर उन क्षेत्रों में जहां पहले भी बाढ़ का खतरा रहा है, वहां विशेष निगरानी की जा रही है।
सावधानी और सुरक्षा के उपाय
प्रशासन ने गंगा किनारे बैरिकेडिंग करवानी शुरू कर दी है ताकि लोग अनावश्यक रूप से घाटों की ओर न जाएं। इसके साथ ही नावों के संचालन पर भी नियंत्रण लगाया गया है ताकि कोई हादसा न हो। तटवर्ती बस्तियों में रात में गश्त बढ़ा दी गई है और पंचायत स्तर पर भी आपदा की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं।
निचले इलाकों में बढ़ा खतरा
पटना के कई निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे क्षेत्रों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। पूर्व वर्षों के अनुभवों के आधार पर प्रशासन ने पहले से ही राहत शिविर और नावों की व्यवस्था शुरू कर दी है ताकि स्थिति और बिगड़ने पर समय रहते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सके। गंगा और अन्य नदियों के बढ़ते जलस्तर ने पटना के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट मोड में हैं, लेकिन परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए आम नागरिकों को भी सतर्क रहना जरूरी है। यदि जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा, तो आने वाले दिनों में राजधानी पटना के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में प्रशासन के निर्देशों का पालन करना और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना जरूरी हो गया है।
