September 15, 2025

बिहार को मिली 11346 पथों और 730 पुलों की सौगात, मुख्यमंत्री ने 21406 करोड़ की योजनाओं का रिमोट से किया शिलान्यास

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए एक और बड़ी पहल की है। गुरुवार को उन्होंने ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत 21406 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली योजनाओं का रिमोट से शिलान्यास और कार्यारंभ किया। इन योजनाओं में 11346 पथों और 730 पुलों का निर्माण शामिल है। यह कार्यक्रम बिहार की ग्रामीण सड़कों और पुलों को मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य के हर गांव और टोला पक्की सड़कों से जुड़ा हो ताकि लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। इसके लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम और सुलभ संपर्कता योजना के तहत विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है।
कार्यक्रम में विस्तृत प्रस्तुतीकरण
ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को योजनाओं की प्रगति और भविष्य की रूपरेखा का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विभाग किस तरह योजनावार सड़कों और पुलों का निर्माण, नवीनीकरण और उन्नयन कर रहा है। प्रस्तुतीकरण में मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि अब तक कितनी योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और कितनी प्रक्रियाधीन हैं।
ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम
इस कार्यक्रम के तहत कुल 5047 पथों का निर्माण शुरू किया गया है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 8893 किलोमीटर होगी और इस पर 6198 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा 4079 पथों का शिलान्यास किया गया है जिनकी लंबाई 6484 किलोमीटर होगी और इन पर 5627 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका उद्देश्य पहले से बनी ग्रामीण सड़कों को और मजबूत करना और उनकी गुणवत्ता को बनाए रखना है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना से सुगम संपर्क
ग्रामीण इलाकों में अक्सर छोटे-छोटे नाले और नदी-नाले लोगों के रास्ते में बाधा बन जाते हैं। ऐसे में पुलों का निर्माण जरूरी हो जाता है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत 409 पुलों का कार्यारंभ किया गया है, जिन पर 1859 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा 295 पुलों का शिलान्यास किया गया है जिनकी लागत 1792 करोड़ रुपये होगी। इसके साथ ही राज्य योजना के तहत 5 पुलों और 24 अन्य योजनाओं का कार्यारंभ और शिलान्यास किया गया है, जिन पर क्रमशः 48 करोड़ और 279 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
ग्राम संपर्क योजना से छोटे टोलों को जोड़ने की कोशिश
मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के तहत राज्य में 100 से अधिक आबादी वाले ऐसे बसावट या टोले जहां अभी तक पक्की सड़क नहीं पहुंची है, उन्हें जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के तहत कुल 301 पथों (490 किलोमीटर) का कार्यारंभ और 1908 पथों (3397 किलोमीटर) का शिलान्यास किया गया है। इन पर क्रमशः 618 करोड़ और 4884 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए आवागमन पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा।
सुलभ संपर्कता योजना भी शामिल
इसके अतिरिक्त सुलभ संपर्कता योजना के तहत भी 8 योजनाओं का शिलान्यास और कार्यारंभ किया गया है जिन पर 101 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य दूरदराज के गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ना है ताकि जरूरी सेवाएं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और बाजार तक लोगों की पहुंच आसान हो सके।
समय पर पूरा करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जिन योजनाओं का शिलान्यास और कार्यारंभ किया गया है, उन्हें तय समय सीमा के भीतर हर हाल में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग ने अब तक ग्रामीण सड़कों और पुलों के रख-रखाव और निर्माण में बेहतरीन काम किया है और यह सिलसिला आगे भी जारी रहना चाहिए।
नेताओं और अधिकारियों की मौजूदगी
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा और विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
गांवों में विकास की नई रफ्तार
इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से राज्य के गांवों में विकास की रफ्तार तेज होगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और किसान अपनी उपज को बाजार तक आसानी से पहुंचा सकेंगे। इसके साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाओं तक ग्रामीणों की पहुंच भी सरल होगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य सिर्फ शहरी नहीं, बल्कि ग्रामीण बिहार को भी मजबूत बुनियादी ढांचे से जोड़ना है। कुल मिलाकर यह सौगात बिहार के गांवों में विकास की एक नई कहानी लिखने जा रही है, जिसमें पक्की सड़कों और मजबूत पुलों के जरिए हर घर तक तरक्की की राह खुलेगी।

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