पटना में स्कूल बस ने छात्रा को कुचला, मौके पर दर्दनाक मौत, ड्राइवर बस छोड़कर फरार

पटना। जिले के बाढ़ अनुमंडल में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें एक मासूम छात्रा की मौके पर ही मौत हो गई। मृत छात्रा की पहचान तेजाबीघा गांव निवासी आजल कुमारी के रूप में की गई है, जो अपनी मां के साथ बैकटपुर जा रही थी। चंपापुर के पास एक स्कूल बस ने अचानक उन्हें टक्कर मार दी, जिससे बच्ची की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।
दुर्घटना की भयावहता और लापरवाही
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस गलत दिशा से आ रही थी और काफी तेज गति में थी। पहले बस ने बच्ची को टक्कर मारी, फिर ड्राइवर ने पीछे करते हुए उसे दोबारा कुचल दिया। यह दृश्य इतना भयावह था कि वहां मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। घटना के समय बस पर कोई नंबर प्लेट नहीं थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बस अवैध रूप से चल रही थी या उसकी पहचान छुपाई जा रही थी।
घटना के बाद चालक का फरार होना
हादसे के बाद बस का ड्राइवर वाहन को सड़क किनारे छोड़कर मौके से फरार हो गया। यह घटना न केवल लापरवाही, बल्कि मानवीय संवेदनहीनता को भी उजागर करती है। चालक की यह हरकत लोगों के गुस्से का कारण बनी, और स्थानीय लोग आक्रोशित होकर सड़कों पर उतर आए।
ग्रामीणों का विरोध और सड़क जाम
हादसे के बाद गांव के सैकड़ों लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने मृत छात्रा के शव को सड़क पर रखकर घंटों तक जाम लगा दिया। वे दोषियों की गिरफ्तारी, बस संचालक पर कार्रवाई और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। सड़क जाम से पूरे इलाके में यातायात प्रभावित हो गया।
विधायक की उपस्थिति और आश्वासन
स्थिति को संभालने के लिए बख्तियारपुर के विधायक अनिरुद्ध यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने इस घटना को अत्यंत दुखद बताया और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। साथ ही, उन्होंने सरकार से उचित मुआवजा देने और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की। विधायक की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया, जिससे यातायात फिर से सामान्य हुआ।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
स्थानीय पुलिस प्रशासन ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। बस को जब्त कर लिया गया है, और चालक की तलाश में छापेमारी की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि स्कूल बस किस संस्थान की है और क्या वह वैध रूप से संचालित हो रही थी। साथ ही, यह जांच की जा रही है कि बस चालक प्रशिक्षित था या नहीं।
स्कूल बसों की मनमानी पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से स्कूल बसों की लापरवाह संचालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई बार बिना परमिट और सुरक्षा मानकों के बसें सड़कों पर दौड़ती हैं, जिनमें बच्चों की जान जोखिम में होती है। अब यह जरूरी हो गया है कि स्कूल बसों की नियमित जांच हो और ऐसे मामलों में स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी तय की जाए। आजल कुमारी की मृत्यु एक दर्दनाक उदाहरण है कि किस प्रकार लापरवाही और कानून का उल्लंघन मासूम जिंदगियों को निगल रहा है। इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन को चाहिए कि वह न केवल दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम भी उठाए। साथ ही, पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय और सहायता मिलनी चाहिए।

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