बिहार में आर्केस्ट्रा पर लगेगा लगाम, देह व्यापार का धंधा करने पर रद्द होगा लाइसेंस, पुलिस का निर्देश जारी

पटना। बिहार में आर्केस्ट्रा और म्यूजिकल ग्रुप्स के नाम पर चल रही अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए पुलिस और सरकार ने अब कमर कस ली है। राज्य में कई स्थानों पर आर्केस्ट्रा के आड़ में देह व्यापार और मानव तस्करी की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। ऐसे में बिहार पुलिस ने एक व्यापक अभियान चलाकर कई गिरोहों का पर्दाफाश किया है और अब इसके खिलाफ सख्त नियम लागू कर दिए गए हैं।
सात सूत्रीय स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर
सरकार ने आर्केस्ट्रा संचालकों के लिए सात सूत्रीय स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया है। इसके तहत उन्हें यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित करना होगा कि उनके ग्रुप में कोई अवैध गतिविधि नहीं हो रही है और किसी नाबालिग को शामिल नहीं किया गया है। यदि कोई संचालक इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसका लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अब तक की कार्रवाई का ब्यौरा
बिहार पुलिस के कमजोर वर्ग एवं अपराध अनुसंधान विभाग के डीजी अमित कुमार जैन ने बताया कि साल 2025 में अब तक राज्यभर में छापेमारी के दौरान कुल 231 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। इस दौरान 118 नाबालिग लड़कियों और 506 नाबालिग लड़कों को शोषण से मुक्त कराया गया। साथ ही 144 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 127 पुरुष और 17 महिलाएं शामिल हैं।
मानव तस्करी के मुख्य जिले
रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के रोहतास, सिवान, सारण, बेतिया, गोपालगंज और बेगूसराय जिलों में मानव तस्करी के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। जनवरी से जून 2025 तक के अभियान में इन जिलों से 153 नाबालिग लड़कियों को बचाया गया। इसके साथ ही 47 तस्करों की गिरफ्तारी हुई है।
अन्य राज्यों से लड़कियों की तस्करी
जांच में यह बात सामने आई है कि इन नाबालिग लड़कियों को बिहार के अलावा नेपाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, दिल्ली, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से बहला-फुसलाकर लाया गया था। आर्केस्ट्रा ग्रुप्स में काम दिलाने का झांसा देकर इन्हें बिहार लाया जाता था और फिर धीरे-धीरे देह व्यापार में धकेल दिया जाता था।
आर्केस्ट्रा संचालकों के लिए निर्देश
सरकार ने साफ कर दिया है कि अब आर्केस्ट्रा संचालकों को सरकार को यह लिखित में देना होगा कि उनके ग्रुप में कोई भी गैरकानूनी कार्य नहीं हो रहा है। यदि कोई नाबालिग सदस्य पाया जाता है या देह व्यापार जैसी गतिविधि से संबंध सिद्ध होता है, तो उनके खिलाफ मानव तस्करी रोकथाम अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक सहयोग की अपील
पुलिस और सरकार ने आम लोगों से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस या चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर दें। इससे और बच्चों को शोषण से बचाया जा सकेगा। बिहार सरकार और पुलिस की यह कार्रवाई राज्य में लंबे समय से चल रहे एक गंभीर सामाजिक संकट पर रोक लगाने की दिशा में एक अहम कदम है। यदि इन दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए और आम जनता का सहयोग मिले, तो यह निश्चित रूप से मानव तस्करी और देह व्यापार जैसी कुरीतियों को जड़ से खत्म करने में मददगार साबित हो सकता है।

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